जीएसटी का आधार जीएसटीएन पर निर्भर है। करदाताओं को यदि नोटिस जारी किया जाना है तो इसका निर्धारण 100 फीसदी कम्प्यूटर द्वारा ही किया जाएगा। अधिकारियों का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। जीएसटी वेबसाइट पर एक समय में 55 हजार करदाता लॉगइन कर सकते हैं। पिछले साल किसी व्यापारी का विक्रय 75 लाख या कम है तो कम्पोजीशन स्कीम का लाभ ले सकते हैं।
यह बात अहमदाबाद के टैक्स विशेषज्ञ मोनीष भल्ला ने कही। वे कर सलाहकार परिषद की स्वर्ण जयंती पर शुक्रवार को सजनप्रभा हॉल में जीएसटी समिट में बोल रहे थे। उन्होंने सवालों के जवाब भी दिए। विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा राज्य शासन की मंशा है कि जीएसटी पर ज्यादा से ज्यादा सेमिनार हों। रतलाम का व्यापार इंदौर की ओर हस्तांतरित हो गया है। इससे रतलाम के नमकीन उद्योग पर असर होगा। उन्होंने जीएसटी की समस्या से अवगत कराया। मुख्य वक्ता इंदौर के वाणिज्यिककर उपायुक्त सुदीप गुप्ता ने कहा व्यापारी वर्ग में सजा संबंधी प्रावधानों का भय है। वास्तविकता यह है कि व्यापारी 5 करोड़ से अधिक कर की चोरी करता है तो ही सजा का प्रावधान है। कर चोरी के लिए व्यापारी का विक्रय कम से कम 200 करोड़ होना चाहिए। रतलाम के ज्वैलरी व्यवसाय से संबंध में कहा ऐसे व्यापारियों का विक्रय 2000 करोड़ हो तो ही 5 करोड़ से ज्यादा का कर अपवचन संभव हो सकता है। इसलिए व्यापारी को डरने की जरूरत नहीं है। जीएसटी लागू होने से 60 करारोपण कानून समाप्त होने जा रहे हैं। वाणिज्यिककर विभाग रतलाम के उपायुक्त दीप खरे ने कहा के जीएसटी अप्रत्यक्ष कर की क्रांति को हमें सफल बनाना चाहिए। यह हमारा उत्तरदायित्व है। अतिथियों को स्मृति चिह्न दिए गए। समिट में मोनिष भल्ला द्वारा लिखित पुस्तक जीएसटी डिकोडेड का विमोचन हुआ। परिचय संजय मूणत ने दिया। आभार हितेश नागौरी ने माना। परिषद अध्यक्ष राकेश भटेवरा ने स्वागत भाषण दिया। स्वर्ण जयंती समिति अध्यक्ष इंदरमल जैन ने संस्था परिचय दिया।
शाम 4 बजे से हुए सत्र में सीए, कर सलाहकार, व्यापारी आदि ने पर्चियां बनाकर दीं। टैक्स के जानकार भल्ला एवं खरे ने जवाब दिए। कारोबारी राजेश पगारिया ने सवाल पूछा कि मैंने किसी से सामान खरीदा। व्यापारी किसी कारण टैक्स चुकाने से चूक गया तो मुझे क्रेडिट मिलेगी या नहीं। विशेषज्ञों ने कहा कि आपको देखना होगा कि व्यापारी पंजीकृत है या नहीं। बिल के बारे में पूछा तो बताया जीएसटी की बैठक में फैसला होगा। सीए संजय मूणत ने कहा होटल वाला सर्विस दे रहा है और किसी कारणवश रजिस्टर्ड नहीं है तो सामने वाले को टैक्स देना होगा। इसका क्रेडिट मिलेगा या नहीं। इस पर विशेषज्ञ ने कहा कि कमेटी इस पर विचार कर रही है, बाद में फैसला लिया जाएगा।
90 प्रतिशत युवा जीएसटी के बारे में ज्यादा नहीं जानते, फिर भी 58 प्रतिशत जीएसटी लागू करने के पक्ष में हैं। 72 प्रतिशत की राय है कि अर्थव्यवस्था का विकास होगा वहीं 58 प्रतिशत का मानना है छोटे व्यवसायियों को नुकसान होगा। 52 प्रतिशत इसे लागू करने की अवधि बढ़ाने के पक्ष में हंै। यह तथ्य युवाम द्वारा जीएसटी पर किए सर्वे में निकल कर आए हैं। सर्वे में सामने आया कि मात्र 9 प्रतिशत युवा ही जीएसटी के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। युवाम ने शिक्षित युवाओं पर जीएसटी को लेकर सर्वे किया। कुल 246 युवा शामिल हुए। इनमें 65 प्रतिशत पुरुष व 35 प्रतिशत महिलाएं हैं। इनसे सात प्रश्न किए गए। संस्थापक पारस सकलेचा ने कहा तीन चौथाई युवाओं का जीएसटी के पक्ष में होना आश्चर्यजनक है, छोटे व्यवसायियों की कठिनाई दूर करने तथा प्रक्रिया सरल करने पर सरकार को विचार करना चाहिए।
1 जुलाई से जीएसटी लागू करने की तैयारी है लेकिन केंद्र ने पोर्टल लांच नहीं किया। जानकारी नहीं मिलने से व्यापारी परेशान हैं। रतलाम जिला व्यापारी महासंघ जिलाध्यक्ष बाबूलाल राठी और आईसीएआई की रतलाम ब्रांच के पूर्व चेयरमैन गोपाल राठी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को व्यवहारिक कठिनाइयों से अवगत कराया। 18 जून को होने वाली जीएसटी काउंसिलिंग की बैठक में इन बिंदुओं को शामिल करने की मांग की है।
वित्त मंत्री से ये की मांग-
छोटे व्यापारी जिनका टर्नओवर 50 लाख तक है उन्हें बाहर रखा जाए।
कंपोजीशन स्कीम के लिए टर्नओवर की सीमा 1 करोड़ तक बढ़ाई जाए। लगने वाले कर की दर आधा फीसदी की जाए।
कर मुक्त वस्तुओं का व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों को कंपोजीशन स्कीम का लाभ दिया जाए। यदि उत्पादन पर ही कर का उचित निर्धारण कर दिया जाए तो विभिन्न चरणों में कर लगाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।