इंदौर देश का ऐसा पहला शहर होगा, जहां पुलिस जवान की जगह अब रोबोट ट्रैफिक नियंत्रित करेगा। रविवार शाम को सिग्नलविहीन एमआर-9 चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के अफसरों ने रोबोट का ट्रायल लिया। रोबोट ने तीन घंटे तक यातायात नियंत्रित किया। यह चारों तरफ घूमकर वाहन चालकों को अपने हाथों से रुकने और निकलने के संकेत देता रहा। इस दौरान ट्रैफिक अनुशासित नजर आया। इसे इंदौर में वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी संस्थान के प्रोफेसर राहुल तिवारी और अनिरुद्ध शर्मा ने तैयार किया है। विश्व में पहली बार इस तरह का प्रयोग दक्षिण अफ्रीका में किया गया था।
 व्यस्त चौराहों पर खड़ा करेंगे
रोबोट की कार्यप्रणाली ठीक रही तो इसे शहर के उन व्यस्त चौराहों पर भी खड़ा करेंगे, जहां सिग्नल्स नहीं है। इसमें अनाउंस सिस्टम के साथ वाहनों के चालान बनाने की व्यवस्था पर भी काम हो रहा है।
– हरिनारायणचारी मिश्र, डीआईजी
सुधर गया पूरा ट्रैफिक
इसे प्राथमिक तौर पर आरएलवीडी सिस्टम के पावर से लिंक कर शुरू किया है। एमआर-9 चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल न होने के कारण ट्रैफिक सबसे ज्यादा अस्त-व्यस्त रहता है। रविवार को तीन घंटे की मशक्कत के बाद इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर विष्णु पसारी और पुरुषोत्तम पसारी ने डीएसपी प्रदीप चौहान और एमएस सैयद के साथ मिलकर इसे इंस्टाल किया। सेंसर और नंबर सिस्टम के साथ रोबोट दोनों हाथ उठाकर और कमर घुमाकर किसी ट्रैफिक जवान की तर्ज पर अकेले ही पूरा ट्रैफिक कंट्रोल करने लगा तो लोग भी हैरत में पड़ गए। डीआईजी ने बताया रोबोट द्वारा ट्रैफिक संभालने का पहला प्रयोग साउथ अफ्रीका की एक सिटी में हो चुका है। उसके बाद देश में पहली बार इंदौर में प्रयोग हुआ है।
लोगों ने बजाई तालियां
रोबोट द्वारा ट्रैफिक संभालने की जानकारी मिलते ही एमआर-9 चौराहा पर भीड़ जुट गई। अच्छे से ट्रैफिक संभालते देख लोगों ने अफसरों के सामने तालियां बजाई। यही नहीं उसके हर मूवमेंट पर सीटियां भी बजी। कई लोगों ने तो चौराहे को ही रोबोट चौराहा नाम दे दिया।