आरटीओ के बाबू सज्जनसिंह के तबादले की खबर पर बुधवार को आरटीओ ऑफिस के बाहर ढोल बजे और खुशियां मनाई गई। यह पहला मौका है जब आरटीओ के बाहर इस तरह ढोल बजाए गए।

कई वर्षों से रतलाम में पदस्थ बाबू सज्जनसिंह के होशंगाबाद तबादले की खबर आई। यह खबर पूरे विभाग में फैल गई। दोपहर साढ़े तीन बजे तक आरटीओ संतोष मालवीय विभाग में थे। वे जैसे ही रवाना हुए 10 मिनट बाद दोपहर 3.30 बजे चार ढोल वाले पहुंचे और ढोल बजाना शुरू कर दिए और ढोल बजते रहे। इससे विभाग में दिनभर इसकी चर्चा रही। उनके स्थान पर देवास के बाबू देवीसिंह सोलंकी के आने की सूचना आई।

दो महीने पहले सस्पेंड हो चुका है बाबू- इसके पहले लाइसेंस जारी नहीं करने की शिकायत पर दो महीने पहले बाबू सज्जनसिंह सस्पेंड हो चुका है। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने कमिश्नर के आदेश पर जून में इस पर स्टे दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद फिर वह काम करने लगा। अब फिर तबादले की चर्चा है।

आरटीओ को कुछ भी नहीं पता
बाबू के तबादले की जानकारी मुझे नहीं है। मेरे सामने ढोल नहीं बजे। ढोल किसने बजवाए यह भी नहीं पता। संतोष मालवीय, आरटीओ

मैं तो अंदर था। मुझे ढोल बजने की जानकारी नहीं है। होशंगाबाद तबादले की जानकारी मिली है लेकिन ऑर्डर नहीं आए हैं। वैसे भी मैंने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है। सज्जनसिंह, बाबू आरटीओ

आरटीओ दोपहर साढ़े तीन बजे तक विभाग में थे। वे जैसे ही कलेक्टर से मिलने का कहकर कलेक्टोरेट के लिए निकले थोड़ी ही देर में दलालों का जमघट लग गया। एवजी सरफराज, लोकेश व्यास, सन्नु दलाल सहित अन्य दलाल दोपहर में परिसर में ही घूमते नजर आए। एवजी सरफराज तो लाइसेंस शाखा में रवि बाबू के सामने ही रजिस्टर में बाकायदा एंट्री कर रहा था। वहीं अन्य दलाल भी अपना काम निपटा रहे थे। आरटीओ संतोष मालवीय के आने के बाद से यही स्थिति है और आए दिन आरटीओ में दलाल नजर आते हैं। कलेक्टर बी. चंद्रशेखर के तबादले का बाद तो ढर्रा और बिगड़ गया है। उसके बाद से तो विभाग मानो दलालों के ही जिम्मे ही हो गया है।