मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि देश के विकास में मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। अब मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने के लिये बड़े उद्योगों के साथ लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहां संभागीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर पांचवी एमपीएक्सपोर्टेक का शुभारंभ भी किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि आज प्रदेश की कृषि विकास दर 18.9 प्रतिशत है, जबकि देश की विकास दर 3 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश की विकास दर 11.98 प्रतिशत है, जबकि देश की विकास दर 5 प्रतिशत है। इस तरह देश के विकास में मध्यप्रदेश का उल्लेखनीय योगदान है। प्रदेश के विकास में लघु और मध्यम उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सम्मेलन के दौरान किए गए करारनामों को वचन पत्र मानकर राज्य शासन कार्रवाई करेगा। इन्दौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में किए गए एम.ओ.यू. में से 90 प्रतिशत में निवेशको को भूमि आवंटित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में पिछले नौ वर्षों में सिंचाई क्षमता साढ़े 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 25 लाख हेक्टेयर तक पहुंचायी गयी है। गांवों में आगामी मई के अंत 24 घंटे बिजली दी जायेगी। उन्होंने कहा कि लघु उद्योगो से जुड़ी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जायेगा। लघु उद्योगों पर दोहरे कर का बोझ नहीं आने दिया जायेगा। हम मध्यप्रदेश के युवाओं में उद्यमिता का भाव पैदा करना चाहते हैं। उसके लिये मुख्यमंत्री स्व रोजगार योजना शुरू की गयी है। जिसमें युवाओं द्वारा उद्योग स्थापित करने के लिये 25 लाख रूपये तक के ऋण की गारंटी राज्य सरकार देगी, साथ ही 5 वर्ष तक 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी राज्य सरकार देगी। उन्होंने कहा कि हर बड़े गांव मे एक छोटा बाजार विकसित किया जायेगा। कारीगरों को प्रशिक्षण देने का काम बड़े पैमाने पर किया जायेगा। प्रदेश में स्किल डेवलपमेंट का व्यापक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत प्रदेश में 113 कौशल विकास केन्द्र शुरू किए गए हैं, 200 और खोले जा रहे है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बायर्स सेलर्स मीट अब हर साल होगी, अगले वर्ष इसका आयोजन आठ और नौ मार्च को किया जायेगा। प्रदेश के लघु उद्यमियों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों की ब्रांडिंग में सरकार मदद करेगी। गुणवत्ता पूर्ण उत्पादों से बाजार में स्थान बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हार्टिकल्चर और फ्लोरी कल्चर में व्यापक संभावनाएं हैं। कृषि पर आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो को प्रदेश में प्रोत्साहित किया जा रहा है।