चेन्नई टेस्ट में जिस तरह तेज़ गेंदबाज़ों का रोल रहा उसे देख कर हर किसी ने यही सोचा कि पूरी सीरीज में सिर्फ करेगी फिरकी ही राज़ लेकिन टीम इंडिया के नए स्विंगर भुवनेश्वर ने अपने प्रदर्शन से बताया कि अगर इरादों मे दम हो तो विपरित परिस्थितियों में भी विरोधी को घेरा जा सकता है।हैदराबाद में टेस्ट शुरु होने से पहले तक हर किसी की जुबां पर फिरकी की फांस की… चेन्नई टेस्ट में जिस तरह तेज़ गेंदबाज़ों का रोल रहा उसे देख कर हर किसी ने यही सोचा कि पूरी सीरीज में सिर्फ करेगी फिरकी ही राज़ लेकिन टीम इंडिया के नए स्विंगर भुवनेश्वर ने अपने प्रदर्शन से बताया कि अगर इरादों मे दम हो तो विपरित परिस्थितियों में भी विरोधी को घेरा जा सकता है।हैदराबाद में टेस्ट शुरु होने से पहले तक हर किसी की जुबां पर फिरकी की फांस की कहानी थी। यहां तक कि ओझा को खिलाने के लिए भुवनेश्वर तक को ड्रॉप करने की बात उठ रही थी लेकिन पिछले टेस्ट में फलॉप रहे भुवनेश्वर मौके का इंतज़ार कर रहे थे। धोनी ने न सिर्फ उन्हें तमाम दवाब के बावजूद टीम में जगह दी बल्कि पहले ओवर के लिए ही नईं गेंद थमा कर इस युवा का हौसला भी बढाया। भुवनेश्वर ने भी कप्तान को निराश नहीं किया और कर दिया अपने दूसरे ही ओवर में खतरनाक डेविड वॉर्नर को चलता।बल्लेबाज़ को छकाने का अंदाज वही पुराना पहली गेंद ऑफ स्टंप से बाहर जाती हुई और अगली गेंद अचानक तेजी से अंदर और वॉर्नर पैविलियन में, उसके बाद काउन भी खा गए युवी की इस अंदर आती गेंद पर गच्चा तो गेंद को पुल करने के चक्कर में वॉटसन बने भुवी का तीसरा शिकार। ऑस्ट्रेलिया अगर पहले दिन के खिल पर बैकफुट पर है तो इसकी शुरुआत भुवनेश्वर ने ही की। 15 ओवर में महज़ 53 रन और दो विकेट। भुवी का ये प्रदर्शन उनको टीम मे बनाए रखने को सही ठहराने के लिए काफी था।खास बात यह है कि यहां उनसे कहीं सीनीयर इशांत शर्मा लगातार पिटते रहे तो भुवनेश्वर अपनी गेंदों से कंगारुओं के लिए काल बने रहे। भुवनेश्वर के इस जानदार प्रदर्शन ने न सिर्फ इस मैच में टीम इंडिया को जीत की पटरी पर डाल दिया है बल्कि तेज गेंदबाज़ों की चोटों की मार झेलते पेस गेंदबाज़ी डिपार्टमेंट के लिए भी यह एक नई रोशनी की किरण है।