रेप केस के मामले में राम रहीम को 10 साल की सजा, कोर्ट में रोते रहे गुरमीत राम रहीम सिंह

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डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी बलात्कार मामले में आज 10 वर्षीय कारावास की सजा सुनाई गई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने यहां सुनारिया जेल में स्थापित विशेष अदालत में राम रहीम को 10 साल की सजा सुनाई। सजा सुनते ही कोर्टरूम में राम रहीम फूट फूट कर रोने लगे। हालांकि इससे पहले उन्होंने कोर्ट से रहम की भी अपील की और अपने सामाजिक कार्यों का हवाला देते हुए माफी की मांग की। मगर आरोप सख्त थे और कोर्ट ने गंभीर आरोपों की बिनाह पर ही 10 साल की सजा का ऐलान किया है।

3 धाराओं के तहत हुई सजा
50 वर्षीय राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) के तहत 50 हजार का जुर्माना, 506 (डराने-धमकाने) 10 हजार का जुर्माना और 509 (महिला की इज्जत से खिलवाड़) के तहत दोषी पाया गया है।

हरियाणा के पंचकूला स्थित सी.बी.आई. अदालत के विशेष न्यायाधीश ने 25 अगस्त को 15 साल इस पुराने मामले में राम रहीम को साध्वी के साथ बलात्कार का दोषी करार दिया था। राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद पंचकूला के अलावा हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और कई अन्य राज्यों में डेरा के अनुयायियों ने बड़े पैमाने पर हिंसा की थी, जिसे देखते हुए सजा सुनाने के लिए जेल में ही अस्थाई रूप से विशेष अदालत स्थापित की गई। राम रहीम को सजा सुनाने के लिए न्यायाधीश को हैलीकॉप्टर से सुबह सुनारिया जेल लाया गया। दोषी ठहराए जाने के बाद अनुयायियों द्वारा की गई हिंसा के मद्देनजर इस बार प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। रोहतक जेल के आस-पास का इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है और कई किलोमीटर के दायरे में किसी को आने-जाने पर पूरी तरह रोक रही। कई स्तरों पर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और रोहतक में धारा 144 लगाई गई है