भावांतर योजना में जिले में सोयाबीन सहित अन्य उपज की खरीदी शुरू हो गई है लेकिन उत्पादकता के आंकड़े अब तक जारी नहीं हुए। जबकि योजना में 16 क्विंटल हेक्टेयर के मान से खरीदी होना है। ऐसे में उत्पादकता ज्यादा निकलती है तो निर्धारित मान से ज्यादा की फसल पर भावांतर की राशि का भुगतान नहीं होगा।
योजना में खरीदी 16 अक्टूबर से शुरू हुई है। प्रति हेक्टेयर 16 क्विंटल के मान से खरीदी हो रही है। यानी किसी किसान ने सोयाबीन बेची तो एक हेक्टेयर में 16 क्विंटल की राशि के अंतर के हिसाब से उसे भुगतान किया जाएगा। इससे ज्यादा उत्पादकता आने पर किसानों की उपज की अंतर का भुगतान नहीं होगा। खास बात यह है कि जिले में सोयाबीन की कितनी पैदावार हुई है। इसके आंकड़े अब तक नहीं निकल पाए हैं। इससे पता ही नहीं चल रहा है कि सोयाबीन का उत्पादन कितना हुआ है। हालांकि किसानों को भुगतान दिसंबर में शुरू होगा। तब तक आंकड़े आने की संभावना है।
अभी उत्पादन के आंकड़े नहीं आए हैं- कृषि उपसंचालक जी.एस. मोहनिया ने बताया अभी आंकड़े एकत्रित कर रहे हैं। इससे आंकड़े फाइनल नहीं हुए हैं। जल्द ही सभी दूर से जानकारी आ जाएगी। इस आधार पर आंकड़े निकल जाएंगे।
बंपर आवक होने से 100 ट्रॉली नीलामी से रह गई
इधर मंडी में सोयाबीन की बंपर आवक है। बुधवार को 53 ट्रॉली नीलामी से रह गई थीं। गुरुवार को भी 50 ट्रॉली नीलामी से बच गई। इस तरह 100 ट्रॉली नीलाम नहीं हो पाईं। जो ट्रॉली नीलामी से रह गई हैं शुक्रवार को सबसे पहले उसकी खरीदी की जाएगी।