महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सुषमा भदौरिया के खिलाफ कर्मचारी संगठनों का आक्रोश शांत नहीं हुआ। अधिकारी को हटाने की मांग को लेकर सोमवार को कर्मचारियों ने जिले के जनप्रतिनिधियों के यहां गुहार लगाई। कर्मचारियों ने तीन दिन में अधिकारी को हटाकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
महिला एवं बाल विकास विभाग से 30 अक्टूबर से लापता बाबू सुनिल रायकवार रविवार को घर लौट आए। हालांकि वे अभी डिप्रेशन में होने का कहकर किसी से बात नहीं कर रहे हैं। कर्मचारी ने काम की अधिकता होने से घर से चले जाने की बात कही थी। रायकवार के लौट आने के बाद भी जिला कार्यक्रम अधिकारी के विरोध में विभिन्न संगठनों का प्रदर्शन जारी है। सोमवार को पदाधिकारियों ने राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष व विधायक चेतन्य काश्यप व वित्त आयोग अध्यक्ष हिम्मत कोठारी के घर जाकर उनसे तीन दिन में कार्यक्रम अधिकारी को हटाने की मांग की। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष दीपक सुराना ने आरोप लगाया कि एकीकृत बाल विकास सेवा में कार्यरत सभी कर्मचारी जिला कार्यक्रम अधिकारी भदौरिया की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध हैं। वे आए दिन कर्मचारियों को प्रताड़ित करती हैं, अभद्र भाषा का प्रयोग करती हैं। इस मानसिक प्रताड़ना के कारण ही रायकवार घर से चले गए थे। विभाग के कई कर्मचारी स्वैच्छिक अवकाश पर चल रहे हैं। हमने तीन दिन में कार्यक्रम अधिकारी को हटाकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। मंगलवार को संगठनों के पदाधिकारी सुनिल रायकवार से मुलाकात करने की कोशिश करेंगे। हालांकि अभी वे तनाव में हैं। अजाक्स जिलाध्यक्ष प्रदीप कुरील, राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष प्रमोद पाठक, राजपत्रित अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष बीके भट्ट, लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष हरीश बिंदल, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुशील शुक्ला, कृषि विस्तार अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष दुर्गेश सुरोलिया, अपाक्स जिलाध्यक्ष एसएल चौहान आदि उपस्थित थे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुषमा भदौरिया ने बताया कि ऑफिस का काम करवाना कोई प्रताड़ना नहीं होता है। 2008 में भी यह कर्मचारी चला गया था तब मैं रतलाम में जिला कार्यक्रम अधिकारी नहीं थी। किसी को काम को लेकर कोई परेशानी होतो मुझसे शेयर कर सकते हैं।