गांव मलवासा में प्रशासन ने कई बार स्कूल व आंगनवाड़ी से अतिक्रमण हटाया लेकिन पंचायत के ध्यान नहीं देने पर थोड़े ही दिन में फिर अतिक्रमण हो गया। मलवासा में जहां अतिक्रमण के कारण गलियां संकरी हो गई हैं वहीं हतनारा में एक बार हटाया अतिक्रमण दोबारा नहीं हुआ। वहां सड़कें भी 25 से 30 फीट चौड़ी हो चुकी हैं।
मलवासा से एक किमी दूर हतनारा में पंचायत ने ही पंच और ग्रामीणों की मदद से पक्के मकान 12, बरामदे 8, कचरे के 10 ढेर हटाए। हाई स्कूल परिसर को भी अतिक्रमण मुक्त करा दिया। करीब 7 कच्चे मकान भी हटाए गए। इसके बाद पंच-परमेश्वर योजना में सीमेंट-कांक्रीट की सड़क व पक्की नालियां बना दीं। सरपंच दिनेश पांचाल का कहना है अतिक्रमण हटाने के लिए ग्राम सभा में ही प्रस्ताव पास कर लिया था। पंच व ग्रामीणों के सहयोग से पूरे गांव को अतिक्रमण मुक्त कर दिया। पक्के मकान भी तोड़े गए।
मलवासा में कब-कब हटाया अतिक्रमण- 10 फरवरी 2016 को रतलाम तहसीलदार रश्मि श्रीवास्तव ने अतिक्रमण को चिह्नित किया और बंधे पशुओं को हटवाया। एक महीने बाद अतिक्रमण हो गया। करीब साल भर बाद 5 फरवरी 2017 को मलवासा निरीक्षण पर आए नायब तहसीलदार राजेश राठौड़ को ग्रामीणों ने अतिक्रमण को लेकर घेराव किया। इस पर तहसीलदार ने सभी लोगों को अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी। इसके बाद 22 फरवरी को 2 जेसीबी, एक थाना प्रभारी, एस आई, हेडकांस्टेबल, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित 3 पटवारी पंचायत अमले के साथ पहुंचे और अतिक्रमण हटाया। इसके 1 माह बाद फिर अतिक्रमण हो गया। पंचायत सचिव श्रवण चौहान का कहना है कई बार नोटिस दिए लेकिन लोग मानते ही नहीं हैं। स्कूलों में तो शिक्षकों ध्यान रखना पड़ेगा। बालक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक रमेश कारपेंटर ने बताया लोग को मना करते हैं लेकिन वे मानते नहीं हैं। पंचायत सख्ती ही नहीं करती है। पटवारी विनीत त्यागी ने बताया दो बार अतिक्रमण हटाया लेकिन बार-बार अतिक्रमण हो जाता है। कुछ जवाबदारी पंचायत व स्कूल को निभानी चाहिए। तहसीलदार अजय हिंगे ने बताया मलवासा में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाने के बाद भी बार-बार अतिक्रमण हो रहा है। मौके पर पहुंच कर मामला दिखवाया जाएगा।