दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म रेस-2 के चुनिंदा हिस्सों पर नाखुशी जाहिर करते हुए बच्चों को अनुशासनहीनता सीखाने के लिये उसके निर्माताओं को आड़े हाथ लिया।मुख्य न्यायाधीश डी मुरूसेन और न्यायमूर्मि वी के जैन की खंडपीठ ने सैफ अली खान अभिनीत फिल्म में कथित तौर पर अश्लीलता के खिलाफ एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म निर्माताओं को फटकार लगायी। न्यायाधीशों…
दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म रेस-2 के चुनिंदा हिस्सों पर नाखुशी जाहिर करते हुए बच्चों को अनुशासनहीनता सीखाने के लिये उसके निर्माताओं को आड़े हाथ लिया।मुख्य न्यायाधीश डी मुरूसेन और न्यायमूर्मि वी के जैन की खंडपीठ ने सैफ अली खान अभिनीत फिल्म में कथित तौर पर अश्लीलता के खिलाफ एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म निर्माताओं को फटकार लगायी। न्यायाधीशों ने कहा कि आपको हमेशा अपने व्यवसाय की लगी रहती है, कृपया बैठें और सोचें कि फिल्म उद्योग कहां जा रहा है। आपने इतना अधिक धन अर्जित कर लिया है। आप बच्चों को अनुशासनहीनता सीखा रहे हैं। आप हर चीज को ड्राइंग रूम ले जा रहे हैं।अदालत की आपत्ति निर्माताओं और निर्देशक की तरफ से पेश वकील की इस टिप्पणी पर आयी कि केंद्रिय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने इसके प्रदर्शन को मंजूरी दी थी। इस बीच, अदालत ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड , दिल्ली सरकार और फिल्म के निर्देशक को नोटिस जारी करते हुए उनसे शुक्रवार तक जवाब मांगा है। सामाजिक कार्यकर्ता टीना शर्मा में जनहित याचिका में फिल्म को सिनेमा हाल और टेलीविजन चैनलों पर इस फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने और फिर से प्रदर्शन से पहले इसके अश्लील दृश्य तथा संवाद हटाने का अनुरोध किया है।इससे पहले खंडपीठ ने केन्द्र सरकार से शर्मा द्वारा उठाये गये मुद्दे पर गौर करने और 15 दिन के भीतर कोई फैसला लेने का निर्देश दिया था। सरकार की ओर से इस मामले में कोई कदम नहीं उठाये जाने के बाद याचिकाकर्ता ने फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया।