32 हजार फ्लैट खरीदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड के 13 निदेशकों तथा उनके परिवार के सदस्यों की निजी संपत्ति के हस्तांतरण पर रोक लगा दी साथ ही अगले महीने तक 275 करोड़ रु पए जमा करने का भी आदेश दिया.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अजय खानिवलकर और धनंजय चंद्रचूड की बेंच ने निदेशकों के अपने परिजन की संपत्ति के हस्तांतरण पर भी रोक लगा दी और उन्हें आगाह किया कि अदालत के निर्देशों का कोई भी उल्लंघन उन्हें अपराधिक अभियोग और अवमानना के दायरे में ले आएगा. जिन 13 निदेशकों पर गाज गिरी है उनमें पांच प्रमोटर भी हैं.

अदालत ने रियल इस्टेट फर्म की तरफ से दिए गए 275 करोड़ रुपए के डिमांड ड्राफ्ट को भी स्वीकार कर लिया. बिल्डर कंपनी को 14 दिसम्बर तक 150 करोड़ और 31 दिसम्बर तक 125 करोड़ रु पए जमा करने का निर्देश दिया. न्यायमित्र पवन श्री अग्रवाल को कहा गया कि वह एक हफ्ते के अंदर वेबपोर्टल तैयार कराएं जिसमें परेशान घर खरीदारों की शिकायतों का विवरण हों.