इमालवा – मध्यप्रदेश [दिनेश मालवीय] | मध्यप्रदेश में युवाओं को स्वयं के उद्योग-व्यवसाय शुरू करने में मदद के लिये एक अप्रैल से मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना लागू हो जायेगी। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में युवा पंचायत में की थी। योजना में बैंक ऋण के प्रकरणों के निराकरण के लिये एक माह की समय-सीमा तय की गई है।
योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा शहरी क्षेत्रों में वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के माध्यम से किया जायेगा। इसका उद्देश्य सभी वर्ग के युवाओं को स्वयं का उद्योग, सेवा व्यवसाय स्थापित करने के लिये बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाना है। हितग्राहियों को मार्जिन-मनी सहायता तथा ब्याज अनुदान की सुविधा दी जायेगी। योजना में आयु सीमा का कोई बंधन नहीं है। प्रचलित योजनाओं में निर्धारित अहर्ताओं के अनुसार हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाता रहेगा। मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना में गारंटी शुल्क का भुगतान तथा ब्याज अनुदान जैसी विशिष्ट सुविधाएँ दी जायेगी। अतः प्रचलित योजनाओं के ऐसे हितग्राही, जो मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता रखते हैं, उन्हें वर्तमान सुविधाओं के अतिरिक्त इस योजना की सुविधाएँ भी दी जायेंगी।
पात्रता– आवेदक को मध्यप्रदेश का मूल निवासी, दसवीं कक्षा उत्तीर्ण तथा आवेदन की तिथि को 18 से 35 वर्ष के बीच आयु का होना चाहिये। अनुसूचित-जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला एवं निःशक्तजन को अधिकतम आयु में 5 वर्ष की छूट रहेगी। ऋण गारंटी निधि योजना में गारंटी शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा सिर्फ उद्योग एवं सेवा क्षेत्र के लिये दी जायेगी, व्यवसाय क्षेत्र के लिये नहीं। आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था/सहकारी बैंक का डिफाल्टर नहीं होना चाहिये। यदि कोई व्यक्ति ऐसी किसी अन्य सरकारी योजना में पूर्व से सहायता प्राप्त कर रहा हो, तो वह इस योजना में पात्र नहीं होगा। सहायता सिर्फ एक उद्योग/सेवा/व्यवसाय के लिये ही दी जायेगी।
प्राथमिकता– आईटीआई, डिप्लोमा, इंजीनियरिंग, अन्य अधिकृत संस्थाओं द्वारा दिये गये माड्यूलर एम्प्लायबल स्किल्स प्रमाण-पत्र रखने वाले आवेदकों को प्राथमिकता दी जायेगी। साथ ही गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की सर्वे सूची में अंकित हितग्राहियों, अनुसूचित-जाति, जनजाति, निःशक्तजन और महिला हितग्राहियों के साथ-साथ उद्यमिता विकास कार्यक्रम में प्रशिक्षित हितग्राहियों को भी प्राथमिकता दी जायेगी।
वित्तीय सहायता- वित्तीय सहायता के लिये दो तरह की श्रेणियाँ निर्धारित की गई हैं। एक श्रेणी में 50 हजार रुपये तक की परियोजना में तथा दूसरी श्रेणी में 50 हजार से अधिक और 25 लाख तक की परियोजनाओं के लिये सहायता दी जायेगी।
प्रथम श्रेणी में परियोजना लागत पर मार्जिन मनी सहायता 20 प्रतिशत (अधिकतम 10 हजार रुपये) होगी। परियोजना लागत पर ब्याज अनुदान 5 प्रतिशत की दर से 5 वर्ष तक (2000 रुपये अधिकतम प्रतिवर्ष) दिया जायेगा। गारंटी शुल्क एक प्रतिशत की दर से अधिकतम 500 रुपये तथा गारंटी सेवा शुल्क 0.5 प्रतिशत की दर से (4 वर्ष के लिये) अधिकतम 1000 रुपये दी जायेगी।
दूसरी श्रेणी के हितग्राहियों को पूँजीगत लागत तथा कार्यशील पूँजी पर ब्याज अनुदान 5 प्रतिशत की दर से 5 वर्ष तक देय होगा। गारंटी शुल्क 1 से 1.5 प्रतिशत, अधिकतम 37 हजार 500 रुपये दी जायेगी। गारंटी सेवा शुल्क (4 वर्ष के लिये) 0.5 से 0.75 प्रतिशत, अधिकतम 75 हजार रुपये दी जायेगी।
आवेदन प्रक्रिया- आवेदक द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र/जनपद पंचायत में आवश्यक सहपत्र के साथ प्रस्तुत किये जायेंगे। अपूर्ण आवेदन पूर्ण करने के लिये आवेदकों को सूचित किया जायेगा। आवेदक द्वारा आवेदन के साथ प्रस्तावित गतिविधि की प्रोजेक्ट रिपोर्ट संलग्न की जायेगी।
आवेदनों का निराकरण- जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र तथा जनपद पंचायत द्वारा योजना में प्राप्त आवेदन-पत्र तथा परियोजना प्रतिवेदन इस योजना के लिये गठित टास्क फोर्स समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे। अनुमोदन के बाद संबंधित बैंकों को अनुशंसा के साथ प्रकरण भेजे जायेंगे। उद्योग एवं सेवा उद्यमों में गारंटी, ऋण गारंटी निधि योजना के माध्यम से दी जा रही है, अतः बैंक द्वारा किसी प्रकार की कोलेटरल सिक्युरिटी की माँग आवेदक से नहीं की जायेगी। बैंक द्वारा 30 दिन के भीतर प्रकरण का निराकरण किया जायेगा। 30 दिन में बैंक से प्रकरण निराकरण की जानकारी न मिलने पर जिला-स्तर पर गठित समीक्षा समिति के समक्ष लम्बित प्रकरणों के संबंध में जानकारी दी जायेगी।
जिला-स्तरीय समीक्षा समिति- योजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिये जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति सतत समीक्षा करेगी। लम्बित प्रकरणों, सहायता प्राप्त उद्यमों की स्थापना, उद्यमों की समस्याओं तथा अन्य विषयों की समीक्षा समिति करेगी।
प्रशिक्षण- योजना में ऋण स्वीकृति के बाद उद्यमी को 3 से 10 दिन का उद्यमिता विकास प्रशिक्षण लेना आवश्यक होगा। उद्यमिता विकास कार्यक्रम में पूर्व से प्रशिक्षित हितग्राही को प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होगी।
ब्याज की दर एवं ऋण अदायगी- उद्यमी से बैंक द्वारा ब्याज सामान्य दर से लिया जायेगा। आरंभिक स्थगन की अधिकतम अवधि 6 माह होगी। आरंभिक स्थगन के बाद ऋण अदायगी 3 से 7 वर्ष के बीच होगी।
समारोहपूर्वक शुभारंभ
संभागायुक्तों और जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना का समारोहपूर्वक शुभारंभ करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रत्येक जिले में 8 से 15 अप्रैल 2013 तक योजना का समारोहपूर्वक शुभारंभ होगा। कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री के साथ-साथ जिला पंचायत एवं जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक, जिले के अग्रणी बैंक प्रबंधक, सभी बैंकों के प्रतिनिधि तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहेंगे।