सेना प्रमुख बिपिन रावत ने एक बार फिर भारत में ही निर्मित हथियारों के इस्तेमाल पर जोर दिया। सोमवार को आर्मी टेक्नोलॉजी सेमिनार को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा कि हमारे जैसे देश को अगला युद्ध अपने बनाए हुए हथियारों से लड़ने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम हथियारों के आयात से आगे बढ़ें।
सेना को मिलेगी नई ताकत
आर्मी में टेक्नोलॉजी की बात करते हुए जनरल ने कहा कि हल्के वजन वाले बुलेट प्रूफ मटेरियल और ईंधन सेल टेक्नोलॉजी उपलब्ध करवाने की एक अच्छी पहल शुरू हुई है, जो आगे भी जारी रखी जानी चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो भी नई टेक्नोलॉजी सेना को उपलब्ध करवाई जाएगी, उसमें उन्हे नई ताकत मिलेगी और इसका भरपूर उपयोग किया जाएगा। रावत ने आगे कहा कि हम अब धीरे-धीरे डिफेंस टेक्नोलॉजी के हथियार खरीदने के ट्रेंड से बाहर आ रहे हैं।
भारत सरकार ने कई डिफेंस डील की रद्द
गौरतलब है कि मेड इन इंडिया के तहत लगातार देश में हथियारों को बनाने का काम चल रहा है।पिछले कुछ समय में ऐसी डील हुई हैं, जो कि देश में ही हथियारों को बनाना या असेंबल करने का काम करेगी। हाल ही में डीआरडीओ और इंडियन एयर फोर्स के कहने पर भारत सरकार ने कई डिफेंस डील रद्द की है। पिछले सप्ताह डीआरडीओ के कहने पर भारत ने इजराइल के साथ हुए 500 मिलियन डॉलर वाली एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की डील को रद्द कर दी थी। डीआरडीओ ने कहा था कि वे खुद इस हाई टेक्नोलॉजी वाले एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का निर्माण करेंगे।