बदलते लाइफस्टाइल के चलते आजकल 30 से 35 साल की उम्र में भी हार्ट अटैक के मरीज सामने आ रहे हैं। महिलाओं में भी तेजी से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है। इससे पहले भी टी.वी एक्ट्रेस रीमा लागू जी की दिल का दौरा पड़ने से मौच हो गई थी और अब 50 साल की उम्र में श्रीदेवी जी की हार्ट अटैक से निधन हो गया। आमतौर पर माना जाता है कि हार्ट अटैक का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा होता है। मगर हाल ही एक शौध में बताया गया है कि महिलाओं में भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है।
तनाव के कारण भावनात्मक महिलाएं का हार्ट ब्लड फ्लो प्रभावित होता है। जिससे उन्हें हार्ट अटैक, स्ट्रोक और बाईपास सर्जरी का खतरा रहता है। महिलाएं हर किसी से जल्दी अटैच हो जाती है। इससे किसी छोटी बात से भी उन्हें धका लग जाता है और उन्हें हार्ट अटैक आने का डर रहता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
- सीने में दर्द
- सांस लेने में दिक्कत
- अधिक पसीना आना
- कमजोरी महसूस होना
- तनाव और घबराहट
- चक्कर आना
- अशांत मन और बेचैनी
इन चीजों का रखें ध्यान
1. 35-40 की उम्र में किसी भी तरह का हार्ट डिजीज होने पर रोगुलर चेकअप करवाते रहें।
2. 30 की उम्र के बाद अपनी डायट पर कंट्रोल रखें और लो फैट डायट लें।
3. तंबाकू, धूम्रपान और एल्कोहल जैयी चीजों का सेवन न करें।
4. दिल पर दबाव ना डालें, नियमित और उचित व्यायाम करें।
5. अपने कॉलेस्ट्रॉल का ध्यान रखें, क्योंकि ज्यादा कॉलेस्ट्रॉल से दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
6. सीने में हल्की सी भी बेचैनी, पसीना, जबड़े, गर्दन, बाजू और कंधों में दर्द, सांस का टूटना बिल्कुल नजर अंदाज ना करें। इन लक्षणों के नजर आने पर तुंरत मेडिकल सहायता लें।