इमालवा – भोपाल | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं – बेटियों के विरुद्ध अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिये राज्य स्तर पर एक टास्क फोर्स का गठन किया है | इस टास्क फ़ोर्स कमेटी की अध्यक्षता मुख्यमंत्री स्वयं करेंगे | यह कमेटी ऐसेके तरीको पर विचार करेगी | प्रदेश के आला अधिकारियों की इस सम्बन्ध में बैठक लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध की हर एक घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया जाय।
चौहान ने मंगलवार को यहाँ उच्च-स्तरीय बैठक में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की प्रभावी रोकथाम के संबंध में तात्कालिक तथा दीर्घकालिक उपायों के बारे में व्यापक विचार-विमर्श किया। गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता और मुख्य सचिव आर.परशुराम भी बैठक में मौजूद थे। चौहान ने कहा कि प्रदेश सहित पूरे देश में हो रही घटनाएँ व्यथित करने वाली हैं। हालांकि प्रदेश में पुलिस-प्रशासन की सक्रियता से अपराधी पकड़े जा रहे हैं और सजाएँ भी हो रही हैं। श्री चौहान ने कहा कि शहरों से लेकर ग्राम स्तर तक सुदृढ़ संस्थागत व्यवस्थाएँ की जायं। दूसरी तरफ सामाजिक संगठनों, विभिन्न एसोसिएशन को सक्रिय कर सामाजिक जिम्मेदारी और भागीदारी भी बढ़ायी जाय। राज्य-स्तरीय योजना के साथ जिला-स्तरीय एक्शन प्लान बनाया जाय। बेटा-बेटी, महिला-पुरूष के बीच व्याप्त भेदभाव की मानसिकता बदलने के लिये मध्यप्रदेश से राष्ट्रव्यापी बहस छेड़ी जाय। विकृतियाँ फैलाने तथा वातावरण को दूषित करने वाले विज्ञापनों के बारे में मीडिया का सहयोग लिया जाय। अपराधियों की धरपकड़ के लिये वैज्ञानिक तरीकों तथा आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाय। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास हों कि अपराधी बचकर जाने नहीं पाये।
मुख्यमंत्री ने तात्कालिक और दीर्घकालिक उपायों पर चर्चा के दौरान निर्देश दिये कि सर्वप्रथम ग्राम स्तर पर चौकीदारों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। जहाँ चौकीदार के पद रिक्त हैं वहाँ उनकी पूर्ति की जाये। उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाय। उन्होंने कहा कि इसी के साथ ग्राम रक्षा समितियों, आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं सहित पंच-सरपंचों को भी ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिये सजग किया जाय। शहरी क्षेत्रों में नगर सुरक्षा समितियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों की भागीदारी बढ़ायी जाय। बैठक में तय किया गया कि चौकीदार को पहले की तरह पुनः बहुउद्देश्यीय बनाया जायेगा। उनकी सूचना पर तत्काल कार्रवाई होगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रदेश में स्थापित विभिन्न संस्थानों, उद्योगों को अपने यहाँ लगे कर्मियों का पूरा ब्यौरा रखना अनिवार्य होगा। जेलों से छूटे आदतन अपराधियों, ग्राम-नगर के शरारती तत्वों की पुख्ता जानकारी थानों में रखी जायेगी।
बैठक में सुझाव दिये गये कि प्रदेश में वूमन तथा यूथ पॉलिसी बनायी जाय। भ्रूण हत्या अधिनियम, घरेलू हिंसा अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन कराया जाय। मानसिकता में बदलाव की शुरूआत कानून बनाने वाले तथा पालन करवाने वालों से हो। इसके लिये अधिकारियों, न्यायाधीशों, पुलिस तथा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों तथा जन-प्रतिनिधियों की कार्यशाला आयोजित की जाय।
बैठक में बताया गया कि सिवनी में मासूम के साथ दुष्कृत्य करने वाले दो व्यक्ति में से एक को पकड़ लिया गया है। छिंदवाड़ा, महू के आरोपी भी पकड़े गये हैं। पिछले तीन माह के भीतर सात आरोपी को फाँसी की सजा सुनायी गयी है। पुलिस अपराध के प्रत्येक प्रकरण को दर्ज कर रही है और विवेचना में भी तेजी लायी गयी है।