भारत 8वां सबसे ताकतवर देश

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इमालवा – नई दिल्ली । हाल ही में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि भारत दुनिया के टॉप 10 ताकतवर देशों में शुमार है। कूटनीतिक विशेषज्ञों और विद्वानों के एक समूह द्वारा “राष्ट्रीय ताकत” पर किए गए इस तरह के पहले अध्ययन में भारत को दुनिया के 27 ताकतवर देशों में आठवें स्थान पर रखा गया है।
नई दिल्ली स्थित “फाउंडेशन फॉर नेशनल सिक्यूरिटी रिसर्च” की ओर से किए गए इस अध्ययन में “राष्ट्रीय ताकत”का आंकलन ऊर्जा सुरक्षा, आबादी, प्रौद्योगिकी क्षमता आदि जैसी सूचियों को ध्यान में रखकर किया गया। यह बात दिलचस्प है कि अमरीका के बात चीन दुनिया का दूसरा सबसे ताकतवर देश है। हालांकि चीनी विदेशी मामले की योग्यता नई दिल्ली के बराबर है, लेकिन संपूर्ण ताकत को ध्यान में रखी जाए तो हम बीजिंग से काफी पीछे हैं।
अध्ययन का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर सतीश कुमार ने कहा कि समूह ने इन विभिन्न मानदंडों को ध्यान में रखा गया जिसके आधार पर देशों को ताकतवर की सूची में रखा गया- आबादी 50 मिलियन से ऊपर, जीडीपी 500 अरब डॉलर और रक्षा खर्च 5 अरब डॉलर से ऊपर हो।
इसमें दो राय नहीं है कि अमरीका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है और वह अपने निकटत प्रतिद्वंद्वी चीन से काफी आगे है। अध्ययन में पाया गया कि चीन अमरीका से ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी क्षमता और विदेशी मामलों अमरीका से काफी नीचे है। यहां तक कि आर्थिक और सैन्य क्षेत्रों में भी अमरीका चीन से काफी आगे है। अध्ययन के मुताबिक यह कहना कि निकटत भविष्य में चीन अमरीका के लिए बड़ा खतरा साबित होगा, कहना बहुत जल्दी होगा।
अध्ययन के मुताबिक भारत की आर्थिक काबिलियत को आठवें पायदान पर रखा गया है,जबकि सैन्य क्षमता को सातवें स्थान पर रखा गया है। प्रौद्योगिकी क्षमता में भारत को काफी नीचे,17वें स्थान पर रखा गया है। वहीं, ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भारत 20वें स्थान पर है।
अध्ययन में कहा गया है कि भले ही भारत विदेश मामलों में महारत हासिल होने की बात करें,लेकिन इस मामले में वह 11वें पायदान पर है। इसमें अभी बहुत सुधार की जरूरत है।
भारत सैन्य उपकरण, साइबर और अंतरिक्षक सुरक्षा एवं सैद्धांतिक मामलों में भी भारत बहुत नीचे है। जनसंख्या क्षमता को लेकर भारत को काफी अंक दिए गए हैं। हालांकि अध्ययन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि जनसांख्यिकी लाभांश जिम्मेदारी बन जाएगी अगर देश ने अपने ही लोगों के विकास मे निवेश नहीं किया।
मानवशक्ति सूचकांक में चीन, भारत से बहुत आगे है। इस मामले में चीन को भारत के 87.5 अंकों के मुकाबले 100 अंक मिले हैं।