पाकिस्तान की जेलों में हिंदुस्तानियों की जान की ख़ास कीमत होगी। इस बात की उम्मीद रखना यूं तो बेमानी ही है लेकिन सरबजीत पर हमले की जो तफ्सील अब सामने आ रही है। वह पाकिस्तान प्रशासन और सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करने के लिए काफी है। हम आपको बताते हैं किस तरह बेरहमी से सरबजीत को घेरकर घायल किया गया। कौन हैं सरबजीत के सबसे बड़े गुनहगार…तारीख- 26 अप्र… 
पाकिस्तान की जेलों में हिंदुस्तानियों की जान की ख़ास कीमत होगी। इस बात की उम्मीद रखना यूं तो बेमानी ही है लेकिन सरबजीत पर हमले की जो तफ्सील अब सामने आ रही है। वह पाकिस्तान प्रशासन और सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करने के लिए काफी है। हम आपको बताते हैं किस तरह बेरहमी से सरबजीत को घेरकर घायल किया गया। कौन हैं सरबजीत के सबसे बड़े गुनहगार…तारीख- 26 अप्रैल 2013, जगह- कोट लखपत जेल, वक्त- शाम 4.30 बजे, अकेला सरबजीत था और मारने वाले छह। ना तो किसी ने उसकी चीखें सुनी, ना कोई बचाने आया।क्या पाकिस्तान की सबसे हाई-सेक्योरिटी जेल में सरबजीत पर हमला महज़ एक हादसा था? पी7 के सूत्रों से मिली जानकारी किसी दूसरी ओर ही इशारा करती है।सरबजीत पर हमला करने वालों में आमिर आफताब और मुद्दसर नाम के दो खूंख़ार कैदियों का हाथ सबसे ज़्यादा बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अक्सर शाम के वक्त सरबजीत, आमिर और मुद्दसर तीनों साथ में घूमने जाया करते थे हालांकि यह दोनों चंद रोज़ पहले ही सरबजीत से उलझ चुके थे लेकिन फिर भी आफताब को सरबजीत के सेल के पास रखा गया था। शुक्रवार की शाम करीब साढ़े चार बजे करीब छह कैदी गार्ड्स को चकमा देकर सरबजीत के बैरक के सामने जमा हुए।कहा जा रहा है कि कैदियों ने 2 जेल वार्डन्स को काबू में किया। आफताब ने उनसे सरबजीत के सेल की चाबी छीनी और उसके चेहरे पर ईंटों से कई वार किए। सरबजीत की गर्दन और पेट में ब्लेड और घी के खाली टिन से गहरे घाव किए गए।जब तक जेल स्टाफ उसतक पहुंचता सरबजीत का काफी खून बह चुका था। हालांकि अब जाकर पाकिस्तानी प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं लेकिन क्या सरबजीत पर इस हमले की सही वजह कभी साफ होगी? पाकिस्तान के रिकॉर्ड को देखते हुए इसकी उम्मीद कम ही नज़र आती है।