बागबां, आजा नचले और वीर ज़ारा जैसी फिल्मों में विविध भूमिकाओं के लिए पहचानी जाने वाली अभिनेत्री दिव्या दत्ता का कहना है कि उन्होंने कभी भी किसी एक ही छवि से बंधकर रहने की कोशिश नहीं की और हमेशा से विविधताओं वाले किरदार निभाएं हैं।
बकौल दिव्या, मैंने पर्दे पर खुद को कभी भी किसी एक तरह की छवि में बांधने की कोशिश नहीं की। मैंने हमेशा से अलग-अलग चीजें क…
बागबां, आजा नचले और वीर ज़ारा जैसी फिल्मों में विविध भूमिकाओं के लिए पहचानी जाने वाली अभिनेत्री दिव्या दत्ता का कहना है कि उन्होंने कभी भी किसी एक ही छवि से बंधकर रहने की कोशिश नहीं की और हमेशा से विविधताओं वाले किरदार निभाएं हैं।
बकौल दिव्या, मैंने पर्दे पर खुद को कभी भी किसी एक तरह की छवि में बांधने की कोशिश नहीं की। मैंने हमेशा से अलग-अलग चीजें करने की कोशिश की। वीर ज़ारा में मैंने एक दोस्त, स्टेनले का डब्बा में एक अध्यापिका और स्पेशल 26 में मैंने एक ठग महिला की भूमिका निभाई।मेरी हमेशा से कोशिश रही है कि मैं विविध भूमिकाएं चुनूं। मैंने कभी भी घिसी-पिटी चीजें नहीं की हैं।
उन्होंने आगे कहा, मैं परिवर्तनशील होना पसंद करती हूं। मैं हर फिल्म के साथ अपनी एक नई तलाश करती हूं। यह करना बहुत मजेदार है। इससे बहुत संतुष्टि मिलती है।
हिंदी फिल्मों में एक भारी बदलाव को ध्यान में रखते हुए दिव्या का मानना है कि यहां चरित्र अभिनेताओं की मांग है। इस साल दिव्या की कई फिल्में आ रही हैं।
इनमें करण जौहर के होम प्रोडक्शन की गिप्पी, फरहान अख्तर की भाग मिल्खा भाग, विक्रमादित्य मोटवानी की लुटेरा, एक हॉलीवुड फिल्म तथा दो अन्य फिल्में शामिल हैं।