भारतीय धावक हिमा दास को दो दिनों में दो बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने के बाद भी एशियाई खेलों की 400 मीटर दौड स्पर्धा में सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। हिमा ने कहा कि वह इस दौड़ से पहले दबाव में थी। उन्होंने फाइनल में 50 .59 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक जीता जिसमें बहरीन की सलवा नासेर ने खेलों के नए रिकाॅर्ड 50.09 सेकेंड के साथ सोने का तमगा अपनी झोली में डाला। सलवा को पहले से ही स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा था।
अठारह साल की मौजूदा अंडर 20 विश्व चैम्पियन हिमा ने कहा, ‘‘आप जाहिर तौर दबाव में होते हैं। यह दिखता नहीं है लेकिन मुझे पता है कि मैं दबाव में थी।’’ नाइजीरिया में जन्मीं और 2017 विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता सलवा को हालांकि स्वर्ण पदक जीतने के लिए अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ा। वह इस साल डाइमंड लीग सीरीज के चार चरण जीत चुकी हैं।
हिमा ने कहा, ‘‘वह (नासेर) बड़ी खिलाड़ी है। मैं उससे प्रतिस्पर्धा कर खुश हूं। दोनों दौड़ से मुझे काफी कुछ सिखने को मिला। मै उसके दौड़ की तकनीक के बारे जान पायी। मैंने उससे काफी कुछ सीखा है।’’ हिमा ने कहा कि उनके कोच गालिना बुखारिना ने फाइनल के लिए कोई खास योजना नहीं बनायी थी। उन्होंने कहा, ‘‘यह कठिन प्रतियोगिता थी, मुझे पता था, मुझे खुशी है कि मैंने अपना समय बेहतर कर सकी। मुझे पूरा विश्वास नहीं था लेकिन मुझे पता था कि मैं कुछ समय के साथ सुधार करूंगी।’’