नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी विजयदशमी के मौके पर आरएसएस के वार्षिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। उन्होंने दशहरा के मौके पर कहा कि मैं आरएसेस के युवा मित्रों से प्रार्थना करता हूं कि वे भारत के वर्तमान और भविष्य को बचाने में अगुवाई करें। गांव-गांव में फैली संघ की शाखाएं, बच्चों के लिए सुरक्षाचक्र बनकर यदि इस एक पीढ़ी को बचा लें, तो बाद में आगे आने वाली सभी पीढ़ियां खुद को बचा लेंगी।
सत्यार्थी ने कहा कि आज महिलाएं घर, दफ्तर और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी भय, खतरे और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं। यह भारत माता के प्रति हमारा असम्मान दिखाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि आपका देश तो समस्याओं की खदान है। इस पर मेरा एक ही जवाब होता है। भले ही भारत में सौ समस्याएं हैं, लेकिन भारत माता एक अरब समाधानों की जननी है।