दिल्ली पुलिस द्वारा आईपीएल मैचों में कथित स्पाट फिक्सिंग का खुलासा किए जाने के एक दिन बाद अनेक दूसरी जांच एजेंसियों ने इससे जुड़े गुप्त हवाला लेनदेन की पड़ताल शुरू कर दी है।
प्रवर्तन निदेशालय के पास हवाला जैसे भुगतान के अवैध तरीकों पर काबू पाने का जिम्मा है। निदेशालय ने इस मामले के सामने आने के बाद संदिग्ध डीलरों के परिचालन की जांच शुरू कर दी है। वह…
दिल्ली पुलिस द्वारा आईपीएल मैचों में कथित स्पाट फिक्सिंग का खुलासा किए जाने के एक दिन बाद अनेक दूसरी जांच एजेंसियों ने इससे जुड़े गुप्त हवाला लेनदेन की पड़ताल शुरू कर दी है।
प्रवर्तन निदेशालय के पास हवाला जैसे भुगतान के अवैध तरीकों पर काबू पाने का जिम्मा है। निदेशालय ने इस मामले के सामने आने के बाद संदिग्ध डीलरों के परिचालन की जांच शुरू कर दी है। वह इस नये मामले में और अधिक जानकारी लेने के लिए शीघ्र ही दिल्ली पुलिस से संपर्क कर सकता है।
सूत्रों के अनुसार निदेशालय के पास हवाला धन का लेनदेन करन वाले संदिग्ध डीलरों का ब्यौरा रहता है। स्पाट फिक्सिंग जैसे मामले विदेशी मुद्रा विनिमय कानूनों का उल्लंघन हैं साथ ही उनसे मनी लांड्रिंग जैसे अपराध भी होते हैं।
निदेशालय फेमा के प्रावधान के तहत हवाला लेन देन पर नियंत्रण करता है। आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले में शुरआती जांच से संकेत मिलते हैं कि भुगतान के लिए किसी अवैध तरीके का इस्तेमाल किया गया। सटोरियों व खिलाडि़यों के बीच अवैध धन के लेनदेन का संकेत भी आया है।
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने कल राजस्थान रायल्स के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को कम से कम तीन आईपीएल मैचों में स्पाट फिक्सिंग के लिये गिरफ्तार किया। इसके अलावा 11 सटोरियों की गिरफ्तारी हुई है। चंदीला औरचव्हाण के वकील राजीव शंकर द्विवेदी ने भी इसी तरह की बातें कही और दावा किया कि उनके मुवक्किल पूरी तरह निर्दोष हैं ।
द्विवेदी ने कहा, इस विवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस ने उन्हें फंसाने के लिए सभी गैर-कानूनी एवं गलत प्रक्रियाएं अपनायी हैं । पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्हें फंसाया गया है।
गौरतलब है कि श्रीसंत, चंदीला और चव्हाण को कल तड़के दिल्ली पुलिस ने मुंबई से गिरफ्तार किया था । इन क्रिकेटरों को आईपीएलमैचों में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बीसीसीआई की ओर से निलंबित किए जा चुके इन क्रिकेटरों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है ।