वो राम की खिचड़ी भी खाता है, रहीम की खीर भी खाता है, वो भूखा है जनाब उसे, कहाँ मजहब समझ आता है। Post navigation OMG ! एक अनोखा आश्रम जो बना है पीड़ित पतियों के लिए दिशाओं को बदलो किनारे बदल जायेंगे