तकदीर के खेल से निराश नहीं होते,

जिंदगी में ऐसे कभी उदास नहीं होते,

हाथों की लकीरों पर क्यों भरोसा करते हो,

तकदीर उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते।