बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अजय शिर्के ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, संजय जगदाले ने भी सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। शिर्के गुरूनाथ मयप्पन की सट्टेबाजी के आरोपों में गिरफ्तारी पर चर्चा के लिए बोर्ड की बैठक नहीं बुलाने के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की कड़ी आलोचना करने वाले शिर्के इस मसले में अपने पद से इस्तीफा देने की पहले ही कह चुके थे।
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बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अजय शिर्के ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, संजय जगदाले ने भी सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। शिर्के गुरूनाथ मयप्पन की सट्टेबाजी के आरोपों में गिरफ्तारी पर चर्चा के लिए बोर्ड की बैठक नहीं बुलाने के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की कड़ी आलोचना करने वाले शिर्के इस मसले में अपने पद से इस्तीफा देने की पहले ही कह चुके थे।
रिपोर्ट के मुताबिक कोषाध्यक्ष शिर्के ने नैतिक आधार पर श्रीनिवासन से इस्तीफा देने के लिए कहा था, लेकिन श्रीनिवासन के इस्तीफा नहीं देने की जिद को देखते हुए शिर्के ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि शिर्के ने गुरूवार को कहा कि वह फैसला करने से पहले कुछ दिन इंतजार करेंगे।
वहीं, जगदाले ने कहा कि वह अपना पद छोड़ रहे हैं, क्योंकि वह भारतीय क्रिकेट को झकझोरने वाले वर्तमान संकट से बहुत आहत हैं। जगदाले ने कहा, हां यह सही है। मैंने बीसीसीआई के मानद सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है।
बकौल शिर्के, जिसे मैं प्राथमिक जिम्मेदारी मानता हूं, यदि बोर्ड उसे नजरअंदाज करना जारी रखेगा तो फिर मेरे लिए खुद को उससे जोड़े रखना मुश्किल होगा। मैंने इंतजार किया। मैं अपनी निजी साख और विश्वसनीयता को खराब नहीं कर सकता। यह मेरे लिए सब कुछ से ऊपर है।
शिर्के ने आगे कहा, मैं संतुष्ट नहीं हूं। अमूमन जब भी छोटा या बड़ा किसी भी तरह का संकट होता है तो हम कार्यकारिणी की बैठक बुलाते हैं। इस तरह के हर अवसर पर अध्यक्ष बैठक बुलाता है और मसले पर विस्तार से बात होती है।
शिर्के ने कहा, यहां तक कि जब खिलाडि़यों की गिरफ्तारी हुई तो आपात बैठक बुलायी गई। इसके बाद चेन्नई में भी बैठक हुई। इसके बाद अध्यक्ष मीडिया के सामने आये और बैठक में लिये गये फैसलों के बारे में बताया गया। लेकिन इस मामले (गुरूनाथ की गिरफ्तारी) में ऐसा कुछ नहीं किया गया।