फिर ISI तालिबानियों की मदद करने में जुटी

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पाकिस्‍तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई एक बार फिर तालिबानियों के हाथ मजूबत करने में जुट गई है अमेरिका में दक्षिण एशियाई मामलों के एक्‍सपर्ट ने यह चौंकाने वाली जानकारी दी है।अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सेना कूच करने की तैयारी में जुटी हुई है, ऐसे में आईएसआई फिर तालिबानियों की मदद कर वहां आतंकवाद फैलाने की कोशिश में जुट गया है। सीआईए के पूर्व अधिकारी और बुकल…

पाकिस्‍तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई एक बार फिर तालिबानियों के हाथ मजूबत करने में जुट गई है अमेरिका में दक्षिण एशियाई मामलों के एक्‍सपर्ट ने यह चौंकाने वाली जानकारी दी है।अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सेना कूच करने की तैयारी में जुटी हुई है, ऐसे में आईएसआई फिर तालिबानियों की मदद कर वहां आतंकवाद फैलाने की कोशिश में जुट गया है। सीआईए के पूर्व अधिकारी और बुकलिंग्‍स इंस्‍टीट्यूट के विद्वान ब्रुस रीडल ने कहा है कि  पास्तिान में वास्‍तविक ताकत रखने वाली सेना ने 20 साल तक अफगान तालिबान की मदद की है। उसने 1990 में वहां तालिबान के इस्लामी साम्राज्य को बनाने में भी मदद की थी और (अफगान) सरकार के भीतर ही अलकायदा की सरकार बनवा दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने पनाहगाह मुहैया कराने के साथ हथियारों, विशेषज्ञता और दूसरी तरह से तालिबान की मदद की। साल 2001 में अमेरिकी आक्रोश से बचने के लिए उसने कुछ समय के लिए तालिबान से नाता तोड़ लिया।रीडल ने आरोप लगाया कि साल 2004 के बाद उस वक्त के आईएसआई प्रमुख और मौजूदा सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी के नेतृत्व में यह एजेंसी फिर तालिबान की मदद में संलिप्त हो गई।बता दें कि जहां पाकिस्‍तान की खूफिया एजेंसी अफगानिस्‍तान में आतंक का साया फिर फैलाना चाहता है, वहीं भारत अफगानिस्‍तान में अमन और चैन के लिए काम कर रहा है। भारत वहां अधारभूत जरूरतों को पूरा करने में सरकार की मदद कर रहा है। हाल ही में अफगान सरकार ने भारत से सैन्‍य मदद भी मांगी है, जिस पर भारत सरकार विचार कर रही है।