यूपीए को हराना एक राष्ट्रीय कर्तव्य है:नरेन्द्र मोदी

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भाजपा चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया कि यूपीए शासन ने देश को रसातल के कगार पर ला खड़ा किया है और ऐसे संकट की स्थिति में आगामी लोकसभा चुनाव में इसे हराना मात्र दलगत इच्छा नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य बन गया है।

शनिवार से आयोजित पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में उक्त दावा कर…

यूपीए को हराना एक राष्ट्रीय कर्तव्य है:नरेन्द्र मोदी

भाजपा चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया कि यूपीए शासन ने देश को रसातल के कगार पर ला खड़ा किया है और ऐसे संकट की स्थिति में आगामी लोकसभा चुनाव में इसे हराना मात्र दलगत इच्छा नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य बन गया है।

शनिवार से आयोजित पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में उक्त दावा करते हुए कहा गया,यूपीए नेतृत्व शासन का दोषपूर्ण ढांचा है। इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस सरकार के नेता नहीं हैं। वह सत्ता में हैं पर उनके पास अधिकार नहीं हैं। असली अधिकार यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास हैं, जो नीतिगत मुद्दों पर निर्णय करती हैं।

इसमें कहा गया कि भविष्य के लिए भी पार्टी उत्तराधिकारी के लिए सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी की ओर ही देख रही है। प्रस्ताव के अनुसार भारत जैसे विशाल देश के प्रधानमंत्री का पद कमजोर होने का इससे ज्यादा कोई और उदाहरण नहीं हो सकता कि उनकी सरकार के वरिष्ठ मंत्री और पार्टी नेता राहुल गांधी को नेता और अगले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की लगातार मांग करते हैं।यूपीए सरकार पर घोर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया, भयंकर भ्रष्टाचार स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक शर्मनाक किस्सा बना हुआ है, इसमें भी देश के प्रधानमंत्री और वर्तमान वित्त मंत्री पी चिदंबरम को काफी कुछ स्पष्टीकरण देना शेष है।

प्रस्ताव में यह आरोप भी लगाया गया कि कांग्रेस नीत संप्रग शासन में जानबूझकर और लगातार लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर बनाया जा रहा है।

अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए इसमें कहा गया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग शासन ने भारत को आर्थिक निराशा की ओर धकेल दिया है। सन 2004 में राजग शासन के समय 8.3 पर चल रही अर्थव्यवस्था आज 5 प्रतिशत पर आ गिरी है।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि पिछले कुछ सालों से महिलाओं पर अत्याचार लगभग राजमर्रा की घटना बन गई है। बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, बलात हमलों और तेजाबी हमले आए दिन होते रहते हैं।

भाजपा के नेतृत्व को ही यूपीए के कुशासन का एकमात्र विश्वसनीय विकल्प बताते हुए इसमें कहा गया, यूपीए ने देश को रसातल के कगार पर ला खड़ा कर दिया है। ऐसे संकट में यूपीए को हराना मात्र दलगत इच्छा नहीं अपितु एक राष्ट्रीय कर्तव्य है।