केंद्र ने 370 हटाने को जायज ठहराते हुए SC को बताया- आतंकी स्थिति का उठा रहे थे फायदा

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केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 से जुड़े प्रावधानों को हटाने के फैसले को सही ठहराया है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि विशेष दर्जे के कारण भारत के लिए हानिकारक बाहरी तत्वों की मदद से आतंकी और अलगाववादी स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटा उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में अस्तित्व में आ चुके हैं।

आतंकी उठा रहे थे फायदा
जस्टिस एन वी रमणा, जस्टिस एस के कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्य कांत की पांच सदस्यीय पीठ आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35 ए के प्रावधानों को हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर 14 नवंबर को सुनवाई करेगी। याचिकाओं पर जवाब देते हुए केंद्र ने कहा कि आर्टिकल 370 को संविधान में जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में अस्थायी प्रावधान माना गया था,। केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा, ‘आतंकी और अलगाववादी तत्व भारत के लिए हानिकारक विदेशी बल की मदद से स्थिति का फायदा उठा रहे थे।’

देश के बाकी हिस्से की तरह नहीं मिला लाभ
केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि जम्मू-कश्मीर की जनता को संविधान के तहत गांरटी किए गए अधिकारियों का लाभ नहीं मिल रहा था जो कि देश के अन्य नागरिकों को मिल रहा है। केंद्र सरकार ने हालांकि यह भी कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं हो सकता कि अस्थायी व्यवस्था होने के बाद भी आर्टिकल 370 सात दशकों से अधिक समय तक बरकरार रहा, जिस वजह जम्मू-कश्मीर के लोगों को वैधानिक व्यवस्था के तहत वे लाभ नहीं मिल पाए, क्योंकि संविधान में हुए संशोधन और संसद में बनाए गए अन्य कानून भी वहां लागू नहीं हो सकते थे, जिससे वहां के लोगों में अलगाववादी भावना पैदा हुई।

जीवनस्तर में होगा सुधार
हलफनामे में सरकार ने दलील दी है कि आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने का फैसला जम्मू-कश्मीर के विकास और वहां के लोगों के जीवन स्तर में सुधार के उत्प्रेरक का काम करेगा। सरकार ने यह भी कहा कि इससे वहां का माहौल शांतिपूर्ण होगा और बंधुत्व की भावना स्थापित होगी।