सुप्रीम कोर्ट ने आठ महिला सेना अधिकारियों के स्थाई कमीशन को लेकर सेना से कहा है कि वह अविलंब इस पर फैसला ले। आठ महिला अधिकारियों ने साल 2010 में सुप्रीम कोर्ट से उनके अवशोषण पर रोक लगाने के लिए संपर्क किया था। अगले नौ सालों में सरकार स्थाई कमीशन देने को सहमत हो गई, लेकिन कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली महिला अधिकारियों को छोड़ दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सेना से कहा कि हम चाहें तो आदेश पास कर सकते हैं। लेकिन इसका श्रेय लेने का मौका हम आपको दे रहे हैं। मालूम हो कि सेना की 10 शाखाओं में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने का निर्णय लिया गया था, जहां महिलाओं को लघु सेवा आयोग या एसएससी के लिए शामिल किए जाने के बाद डीवाई चंद्रचूड़ वाली पीठ ने यह बात कही।
महिला अधिकारियों की ओर से अधिवक्ता एश्वर्या भट्टी ने कोर्ट से कहा कि महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने का निर्णय उन महिलाओं के लिए नहीं है, जो इसके लिए लड़ीं। पीठ में केंद्र के कानून अधिकारी संजय जैन से कहा कि वे अगले गुरुवार को वह इस पर अपना सकारात्मक लेकर आएं।