सरकार ने मंगलवार को कहा कि 14 वर्ष पहले लागू किए गए मनी- लांड्रिग रोधी कानून के तहत कुल मिलाकर 13 लोगों को दोषी ठहराया गया है। यह जानकारी मंगलवार को संसद को दी गई। वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस साल अक्टूबर तक धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अदालतों के समक्ष कुल 694 अभियोजन शिकायतें या आरोप पत्र दायर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित पीएमएलए विशेष अदालतों के समक्ष इन मामलों में मुकदमा चल रहा है।
अब तक, नौ मामलों में 13 लोगों को पीएमएलए के विशेष अदालतों द्वारा दोषी ठहराया गया है। पीएमएलए को वर्ष 2002 में लाया गया था और इसे वर्ष 2005 से लागू किया गया ताकि कर चोरी और काले धन के सृजन जैसे गंभीर अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके, जिसके कारण धन-शोधन और आतंक-वित्तपोषण का अपराध अंजाम लेता है। ठाकुर ने कहा, ‘देश भर में 66 अदालतों को पीएमएलए विशेष अदालत के रूप में नामित किया गया है।’