भाजपा एनडीए गठबंधन को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। जदयू और बीजेपी के नेताओं के बीच लगातार बातचीत के दौर चल रहे हैं। इस दौरान नीतीश कुमार से राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी मिले, लेकिन इन्हें आशा की कोई किरण हाथ नहीं लगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने रवैये में किसी बदलाव का संकेत नहीं दिया है। बीजेपी अध्यक्ष रा…
भाजपा एनडीए गठबंधन को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। जदयू और बीजेपी के नेताओं के बीच लगातार बातचीत के दौर चल रहे हैं। इस दौरान नीतीश कुमार से राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी मिले, लेकिन इन्हें आशा की कोई किरण हाथ नहीं लगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने रवैये में किसी बदलाव का संकेत नहीं दिया है। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से नीतीश की बात हुई है, लेकिन जेडीयू नेता ने उन्हें किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया है। नीतीश ने खुद माना कि आडवाणी, राजनाथ और मुरली मनोहर जोशी ने उनसे फोन पर बातचीत की है। हालांकि नीतीश ने यह भी साफ किया कि उन्होंने बीजेपी नेताओं को कोई आश्वासन नहीं दिया है।
इसके साथ ही एक बार फिर नीतीश ने फेडरल फ्रंट के गठन से भी इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वह ममता बनर्जी और नवीन पटनायक के साथ संपर्क में हैं।
बता दें कि आडवाणी ने पंजाब के मुख्यमंत्री और अकाली दल नेता प्रकाश सिंह बादल से फोन पर बात कर आग्रह किया था कि वह नीतीश से बातकर गठबंधन में बने रहने के लिए कहें। लेकिन बीजेपी को कोई सफलता हाथ लगती नजर नहीं आ रही है।
बीजेपी के अलावा एनडीए में चार बड़े दल हैं, जिनमें से जदयू के सबसे ज्यादा सांसद हैं। बीजेपी और जदूय के अलावा एनडीए में शिवसेना और अकाली दल महत्वपूर्ण सदस्य हैं।