भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास ने सोमवार को एक मीडिया इवेंट में कहा कि इस समय बैंकों के लिए क्रेडिट ग्रोथ (कर्ज वृद्धि) में सुस्ती सबसे बड़ी चुनौती है। इस साल यह क्रेडिट ग्रोथ 7-7.5 फीसदी पर है। शक्तिकांता दास ने कहा कि इसे सुधारने की जरूरत है और केंद्रीय बैंक इस मामले में कदम उठा रही है। दास ने आगे कहा कि धीमी गति से बढ़ोतरी बैंकों के लाभ को प्रभावित करती है। ऐसे में बैंकों को कर्ज देने के मामले में विवेकपूर्ण रूख अपनाना चाहिए।
बैड लोन मामले में हल करने की हालिया प्रगति पर अपने विचार शेयर करते हुए शक्तिकांता दास ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में धीरे-धीरे IBC के जरिए बढ़े हुए प्रस्तावों के माध्यम से ऐसेट क्वालिटी में सुधार देख रहा है।
RBI गवर्नर ने कहा कि बैंक न केवल फिनटेक से, बल्कि बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों से भी कॉम्पटिशन का सामना कर रहे हैं। जो वित्तीय सेवाओं के उद्योग में कदम रख रही है। दास ने तर्क देते हुए कहा कि ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ के तौर पर फाइनेंस और बैंकिंग एक इंजन के रूप में उभरकर सामने आए हैं।
उन्होंने बताया कि जैसे पहले बैंकिंग सेक्टर में चेक, वायर ट्रांसफर, ATM और क्रेडिट कार्ड से बड़ा बदलाव आया था। हाल के दिनों में तेजी से आगे बढ़ते हुए हमें ऐसा लगता है कि हम बैंकिंग सेक्टर में टेक्निकल बदलाव देख रहे हैं। नई टेकनोलॉजी से ग्राहकों के लिए आसान हो रहा है। इसमें ग्राहकों का अनुभव बेहतर है। इस माहौल को देखते हुए, यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि यह बैंकिंग सेक्टर के लिए क्या मायने रखता है और आगे आने वाले समय में हम खुद को कैसे तैयार कर सकते हैं।