हिंदू धर्म में चांदी को बहुत शुद्ध और प्रभावशाली धातु माना गया है. चांदी का प्रयोग कई रूपों में होता है और यह हर तरीके से इंसान को फायदा ही पहुंचाती है. चांदी के गहने, सिक्के, मूर्तियां और बर्तन जिस घर में ये सारी चीजें मौजूद होती हैं वहां सुख, वैभव और संपन्नता आती रहती है. तो आइए जानें चांदी क्यों है इतनी महत्वपूर्ण.
चांदी का महत्व :
– चांदी हमारे जीवन में प्रयोग होने वाली मुख्य धातुओं में एक है.
– चांदी को बहुत पवित्र और सात्विक धातु माना जाता है.
– ऐसा माना जाता है कि चांदी भगवान शंकर के नेत्रों से उत्पन्न हुई थी.
– ज्योतिष में चांदी का संबंध चंद्रमा और शुक्र से है.
– चांदी शरीर के जल तत्व और कफ को नियंत्रित करती है.
– यह मध्यम मूल्यवान होने के कारण ज्यादा प्रयोग की जाती है.चांदी का शरीर और ग्रहों पर असर :
– चांदी के प्रयोग से मन मजबूत और दिमाग तेज होता है.
– चांदी के प्रयोग से चंद्रमा की समस्याओं को शांत किया जा सकता है.
– शुक्र को मजबूत करके मन को प्रसन्न रखती है चांदी.
– चांदी शरीर में जमा विष निकालकर त्वचा को कांतिवान बनाती है.
कैसे करें चांदी का उपयोग :
– चांदी का छल्ला दाएं हाथ की कनिष्ठा अंगुली में पहनना सबसे अच्छा रहता है.
– चांदी का छल्ला पहनने से चंद्रमा मजबूत होता है और मन संतुलित रहता है.
– गले में चांदी की चेन भी पहन सकते हैं.
– गले में चेन पहनने से वाणी शुद्ध हो जाती है और हार्मोन्स भी नियंत्रित होते हैं.
– चांदी का कड़ा पहनने से कफ, वात और पित्त नियंत्रित होते हैं.
– चांदी के ग्लास में पानी पीने से सर्दी-जुकाम की समस्या दूर होती है.
– चांदी की कटोरी या चम्मच से शहद खाने से शरीर को विषमुक्त होता है.
चांदी का इस्तेमाल करते वक्त रखें ये ध्यान :
– चांदी जितनी शुद्ध होगी उतना ही अच्छा होगा.
– चांदी के साथ सोना मिलाकर विशेष दशाओं में ही पहनें.
– सोने के अलावा चांदी में कोई और धातु न मिलाएं.
– चांदी के बर्तनों का प्रयोग करना हो तो उन्हें हमेशा साफ करते रहें.
– जिन लोगों को भावनात्मक परेशानियां ज्यादा हैं, वो चांदी का प्रयोग सावधानी से करें.
– कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए चांदी हमेशा उत्तम रहती है.
– मेष, सिंह और धनु के लिए चांदी बहुत अच्छी नहीं होती.
– बाकी राशियों के लिए चांदी के परिणाम सामान्य होते हैं.