पथराव नहीं गोली लगने से हुई थी हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत

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दिल्ली हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की गोली लगने से मौत हुई थी. यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ. पहले खबर आई थी कि रतन लाल की मौत पथराव में हुई, लेकिन ऑटोप्सी में साफ हुआ कि उनके शरीर में एक गोली फंसी थी.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, यह गोली बाएं कंधे से होते हुए दाएं कंधे की ओर गई थी. पोस्टमार्टम के बाद गोली को बाहर निकाल दिया गया है. अब साफ हो गया कि रतन लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अब तक इस मामले में 20 लोगों की मौत हुई है, जिसमें हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल शामिल है.

धरने पर परिवार
इस बीच राजस्थान के सीकर में पुलिस हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल का परिवार धरने पर बैठ गया है. परिवार की मांग है कि रतन लाल को ‘शहीद’ का दर्जा दिया जाए. जब तक रतनलाल को शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा, वो उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. पुलिस कॉन्स्टेबल रतन लाल का पैतृक गांव फतेहपुर शेखावाटी के तिहावली में है.

24 जनवरी को हुई थी मौत
सोमवार को पूर्वोत्तर दिल्ली में झड़पें उस समय हिंसक हो गईं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दिल्ली में उतरे. राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में जमकर झड़पें हुईं. भीड़ ने घरों, दुकानों, पेट्रोल पंपों और सार्वजनिक संपत्ति में आग लगा दी. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थक और विरोधियों ने एक-दूसरे पर खूब पथराव किया और गोलियां चलीं.

डीसीपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल
शुरू में माना जा रहा था कि पत्थरबाजी की ऐसी घटना में ही हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत हो गई थी. हेड कांस्टेबल रतन लाल गोकलपुरी के एसीपी ऑफिस से तैनात थे. उनके अलावा विरोध प्रदर्शन को रोकने की कोशिश के दौरान शाहदरा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अमित शर्मा सहित कई पुलिस कर्मी घायल हो गए. अमित शर्मा की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.