“दुआ जीने की और दवा मरने की”

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नई दिल्ली/पटना। भाजपा और जदयू का 17 साल पुराना गठबंधन टूट की कगार पर है। जदयू ने शनिवार को पार्टी के सभी विधायकों को पटना पहुंचने के लिए कहा है। रविवार-सोमवार को पार्टी की बैठक होगी। इसमें भाजपा से 17 साल पुराना रिश्ता तोड़ने पर फैसला हो सकता है। 

नीतीश कुमार ने शुक्रवार को गठबंधन को लेकर शायराना मूड में जवाब दिया। सेवा यात्रा के बाद नीतीश ने कहा कि दुआ करते हैं जीने की और दवा देते हैं मरने की,दुश्वारी का सबब यही है। मतलब साफ है कि हालत बहुत मुश्किल है। 

नीतीश ने कहा कि दोनों दल मौजूदा हालात पर आपस में चर्चा करेंगे,जो भी फैसला होगा,बता दिया जाएगा। जब नीतीश से पूछा गया है कि क्या भाजपा से 17 साल पुराना गठबंधन टूटने वाला है तो उन्होंने कहा कि कोई अंतिम बयान नहीं दे सकते हैं। हां,हालात बहुत कठिन है। कठिन हालात में ही फैसला लेना है। लोग कह रहे हैं साहब इतना पुराना गठबंधन है,इसे चलाईए लेकिन हालात बहुत मुश्किल है। 

नहीं दिया भाजपा को अल्टीमेटम

जदयू अभी भी एनडीए का हिस्सा है। जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा से फिर से अच्छे सम्बन्ध स्थापित हो सकते हैं तो उन्होंने कहा क्यों नहीं? सभी विकल्प खुले हैं। गुरूवार को खबर आई थी कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए दो दिन का वक्त दिया है। यह अल्टीमेट इसलिए दिया गया था क्योंकि

यादव ने कहा कि एनडीए अपने राष्ट्रीय एजेंडे से हट रहा है। जिस नेशनल एजेंडे को लेकर एनडीए अभी तक काम कर रहा था उसे उसी एजेंडे के तहत आगे भी काम करना होगा। कुछ घटनाएं ऎसी हुई है जो एनडीए के नेशनल एजेंडे के सिद्धांतों के खिलाफ है। 

हमने पहले ही कह चुके हैं कि नरेन्द्र मोदी को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाया जाना भाजपा का अंदरूनी मामला है लेकिन गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद उनके नेताओं ने जो बयान दिए उन पर हमें आपत्ति है। ये बयान एनडीए के नेशनल एजेंडे से मेल नहीं खाते। इस बीच माकपा नेता सीताराम येचुरी ने शरद यादव से मुलाकात की। दोनों के बीच ताजा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई।