दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा के लिए दाखिल किया नामांकन

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मध्य प्रदेश में राज्य सभा चुनाव को लेकर कवायद तेज हो गई है। बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम तय होने के बाद कांग्रेस से दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह आज अपना नामांकन भरा। राज्यसभा की दो सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। विधानसभा में नामांकन दाखिल करने के लिए उनके साथ पत्नी अमृता सिंह, कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा, मंत्री पीसी शर्मा, विवेक तन्खा, जयवर्धन सिंह, लक्ष्मण सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने विधानसभा प्रमुख सचिव एपी सिंह के सामने नामांकन किया दाखिल।

इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि, मैं अपनी आखिरी सांस तक कांग्रेस के लिये काम करूंगा। मेरे लिए पद नहीं विचारधारा महत्वपूर्ण है। मैंने कहा था – यदि 2003 में सरकार नहीं बनेगी तो मैं 10 साल तक चुनाव नहीं लडूंगा। देश की सामाजिक समरसता को मिटाया जा रहा है। हम सबको बीजेपी के दुष्प्रचार के खिलाफ़ एक होकर लड़ना होगा। मेरे मुख्यमंत्री काल के दौरान किसी भी कट्टर हिन्दू – मुसलमान ने विवादित बयान नहीं दिया था। वहीं बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ’19 विधायक कांग्रेस के कब्जे में है परिवार के लोग उनसे बात नहीं कर पा रहे है।

हमारी विधानसभा अध्यक्ष से मांग है कि अभी इस्तीफे स्वीकार नही हुए है, जहां तक मेरी जानकारी है स्पीकर ने उन्हें नोटिस दिए है। वो विधायक आकर इस्तीफे देने के संबंध में चर्चा करें, फिर आगे की बात होगी। वहीं नरोत्तम मिश्रा की फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर कहा- जब तक विधायक खुद सामने नहीं आते है तब तक कैसा फ्लोर टेस्ट। मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान हम फ्लोर टेस्ट के लिये तैयार है के सवाल पर कहा कि अजीब बात है कि कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे बीजेपी नेता लेकर आते है।

इससे पहले सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। साथ ही सिंधिया पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। दिग्गी का आरोप है कि कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद सिंधिया को डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया गया था लेकिन वे अपने चेले को यह पद देना चाहते थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कई चौकान्ने वाले खुलासे करते हुए कहा कि सिंधिया के कहने पर सैंकड़ो तबादले किए गए, यहां तक कि मेरे गृह जिले में कलेक्टर-एसपी को भी बदला गया। सिंधिया के मुताबिक ही टिकट बांटे गए। मंत्री बनाए गए। दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि सिंधिया को प्रदेशाध्यक्ष बनाने में कोई दिक्कत नहीं थी, राज्यसभा भेजने में भई कोई दिक्कत नहीं थी। सिंधिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि ज्योतिरादित्य को डिप्टी CM बनाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन वो तुलसी सिलावट को डिप्टी CM बनाना चाह रहे थे।

दिग्विजय सिंह सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि वह राज्यसभा के उम्मीदवार हो सकते थे, लेकिन अति महत्वकांक्षी नेता को केवल मोदी और शाह ही कैबिनेट में पद दे सकते थे। सिंधिया गुट के बागी 22 विधायकों को लेकर दिग्गी ने कहा कि, कांग्रेस विधायक गांधी की विचारधारा छोड़ गोडसे की विचारधारा से जुड़ रहे हैं। बागी 22 कांग्रेसी विधायक सिंधिया को राज्यसभा में भेजने के लिए नेतृत्व पर दबाव बना रहे थे, वे सभी इसलिए बेंगलुरू गए थे। उनका पार्टी छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं था। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें कतई उम्मीद नहीं थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ देंगे।

पूर्व सीएम शिवराज सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मध्यप्रदेश में तख्तापलट करने में नाकामयाब हुए तो बीजेपी ने सिंधिया का दामन थामा। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश की गई। दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट जीतेंगे। उन्होंने कहा कि हम चुप हैं लेकिन सो नहीं रहे।