गठबंधन तोड़ने के ठीक एक दिन बाद नीतीश ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। नीतीश ने कहा कि बीजेपी में अटल और आडवाणी का युग खत्म हो गया है और अब साथ चलना मुमकिन नहीं था।
नीतीश ने आरोप लगाया कि बिहार बीजेपी को बाहर के नेता चला रहे थे। दस साल पहले मोदी की तारीफ के बारे में नीतीश ने कहा कि प्रोटोकॉल के चलते उन्हें यह करना पड़ा था। नीतीश ने साफ किया कि वे द…
गठबंधन तोड़ने के ठीक एक दिन बाद नीतीश ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। नीतीश ने कहा कि बीजेपी में अटल और आडवाणी का युग खत्म हो गया है और अब साथ चलना मुमकिन नहीं था।
नीतीश ने आरोप लगाया कि बिहार बीजेपी को बाहर के नेता चला रहे थे। दस साल पहले मोदी की तारीफ के बारे में नीतीश ने कहा कि प्रोटोकॉल के चलते उन्हें यह करना पड़ा था। नीतीश ने साफ किया कि वे दोबारा बीजेपी के साथ तालमेल नहीं करेंगे।
नीतीश ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने अपने बुजुर्गों के साथ विश्वासघात किया तो वह दूसरे के साथ क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी में लोग अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी को भी भूल गए है। कुछ लोग सरकारी हितों के कारण आडवाणी की बात मानने को तैयार नहीं है तो जेडीयू उनके साथ किस तरह चल पाती।
17 साल पुराना बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूट गया लेकिन सवाल वही पुराना है कि आखिर बिहार की जनता के साथ विश्वासघात किसने किया? बीजेपी और जेडीयू एक दूसरे पर आरोप लगा रही है लेकिन बिहार की जनता बेचारी ठगी महसूस कर रही है। सवाल बहुत साफ है कि आखिर गठबंधन टूटने का खामियाजा जनता क्यों भुगते?
बीजेपी ने राज्य में अब 18 जून को बंद का ऐलान किया है। पार्टी 18 जून को विश्वासघात दिवस के रूप में मनाने जा रही है। लेकिन सवाल बस इतना है कि राजनीतिक रस्साकशी के चलते आखिर जनता क्यों खामियाजा भुगते?