मोदी कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले और उसके ऐलान पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने निशाना साधा है. अहमद पटेल ने एक ट्वीट में कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि किसानों ने सरकार से जो उम्मीद लगाई थी, उन आशाओं पर सरकार ने पानी फेर दिया. पटेल ने कहा कि मौजूदा समय में किसान कई परेशानियों से जूझ रहा है जिसमें लॉकडाउन, टिड्डियों का हमला, तूफान आदि शामिल हैं.
अहमद पटेल ने कहा कि किसानों के लाभ के बारे में भूल जाएं, क्योंकि खरीफ के समर्थन मूल्य में इस बढ़ोतरी से शायद ही वे अपना घाटा पाट पाएं या कर्ज चुका सकें. पटेल ने कहा कि किसानों के प्रति सरकार का अगर यही रवैया रहा तो 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की घोषणा एक और जुमला साबित होगी.
बता दें, सोमवार को मोदी कैबिनेट की बैठक में खेती-किसानी और छोटे उद्योगों को लेकर कई बड़े ऐलान हुए. बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में बड़ी बढ़ोतरी की गई है. उन्होंने कहा, किसानों के लिए सरकार की तरफ से यह बड़ा ऐलान है. मक्का के समर्थन मूल्य में 53 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. तू्अर और मूंग में 58 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. तोमर ने कहा कि 14 फसल ऐसी हैं जिसमें किसानों को 50 से 83 फीसदी तक ज्यादा समर्थन मूल्य दिया जाएगा.
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि ब्याज छूट योजना के तहत 31अगस्त तक जो किसान अपनी ऋण अदायगी करेगा, उसको 4% ब्याज पर ही कर्जा मिलेगा. अभी तक सरकार ने 360 लाख मिट्रिक टन गेहूं, 95 लाख मिट्रिक टन धान और 16.07 लाख मिट्रिक टन दाल खरीदा है. वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की कुल लागत का डेढ़ गुना ज्यादा रखने का वादा सरकार पूरा कर रही है. खरीफ फसल 20-21 के 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया गया है. इन 14 फसलों पर किसानों को लागत का 50-83% तक ज्यादा दाम हासिल होगा.