भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने कहा है कि इस साल अर्जुन पुरस्कार मिलना उनकी पिछले 13 साल की कड़ी मेहनत का फल है और उन्हें स्वयं पर गर्व है। दिल्ली के 31 साल के इस तेज गेंदबाज ने कहा कि उनसे अधिक उनके परिवार विशेषकर उनकी पत्नी प्रतिमा सिंह को उनकी उपलब्धि पर गर्व है।
इशांत और महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा उन 27 खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें इस साल अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना गया जबकि भारत के सीमित ओवरों के उप कप्तान रोहित शर्मा उन पांच खिलाड़ियों को शामिल हैं जिन्हें देश के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न के लिए चुना गया है। बीसीसीआई के अपने ट्विटर हैंडल पर डाले संक्षिप्त वीडियो संदेश में इशांत ने कहा, ‘जब मुझे पता चला कि मुझे अर्जुन पुरस्कार मिल रहा है तो मैं काफी खुश हुआ और अपने ऊपर गर्व महसूस किया।
पिछले 13 साल में मैंने काफी कड़ी मेहनत की है इसलिए यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गौरवपूर्ण लम्हा है।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे से अधिक मेरी पत्नी को मुझ पर गर्व है क्योंकि उसका मानना था कि मुझे पुरस्कार मिलना चाहिए।’ इशांत ने 2007 में भारत की ओर से पदार्पण करने के बाद 97 टेस्ट और 80 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं। गेंदबाजी इकाई के रूप में मौजूदा भारतीय टीम की सफलता पर इशांत ने कहा कि व्यक्ति प्रदर्शन के बारे में सोचने की जगह प्राथमिकता हमेशा मैच जीतना होती है।
उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम की गेंदबाजी अभी मानसिकता यह है कि हम हमेशा सोचते हैं कि मैच कैसे जीता जाए, हमारे लिए यह सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।’ इशांत ने कहा, ‘हम व्यक्तिगत प्रदर्शन के बारे में नहीं सोचते। हम प्रत्येक बल्लेबाज के हिसाब से योजना बनाते हैं। हम मैदान पर इन योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की कोशिश करते हैं और हमारे लिए चीजें सही होती हैं।’