कंगना रनौत ने जब से मुंबई की पीओके से तुलना की है, उनका लगातरा ट्रोल होने का सिलसिला जारी है. अब क्योंकि उनका ये बयान शिवसेना नेता संजय राउत के खिलाफ था, ऐसे में अब पूरी शिवसेना भी उनके पीछे पड़ गई है. लेकिन कंगना रनौत ना डरी हैं और ना ही अपने बयानों से पीछे हट रही हैं. वे अभी भी लगातार ट्वीट कर अपने विरोधियों पर निशाना साध रही हैं.
अब एक बार फिर कंगना ने संजय राउत पर हमला बोला है. उन्होंने खुद को एक मराठा बता दिया है. वे ट्वीट कर लिखती हैं- किसी के बाप का नहीं है महाराष्ट्र, महाराष्ट्र उसी का है जिसने मराठी गौरव को प्रतिष्ठित किया है. और मैं डंके की चोट पे कहती हूं हॉ मैं मराठा हूं ,उखाड़ो मेरा क्या उखाड़ोगे? सिर्फ यही नहीं कंगना ने एक और ट्वीट कर अपने विरोधियों को चापलूस बता दिया है. एक्टट्रेस मानती हैं कि जो लोग इस समय उन्हें घेरने की कोशिश कर रहे हैं, ये वहीं लोग हैं जिन्होंने उनकी फिल्मों का विरोध तब किया था जब उन्होंने बड़े पर्दे पर रानी लक्ष्मी बाई का रोल प्ले किया था.
कंगना ट्वीट कर लिखती हैं- जो भी चापलूस इस समय महाराष्ट्र की तरफ अपना प्यार दिखा रहा है, उन्हें ये याद रखना चाहिए कि मैं पहली एक्टर और डायरेक्टर हूं जो मराठा सम्मान शिवाजी महाराज और रानी लक्ष्मी बाई को स्क्रीन पर लेकर आई थी. लेकिन उस समय मेरा खूब विरोध किया गया था.
कंगना रनौत इस ट्वीट में अपनी फिल्म मणिकर्णिका की बात कर रही हैं. फिल्म में उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई का रोल प्ले किया था. अब कहने को कंगना ने इस ट्वीट के जरिए ये बताने की कोशिश की है कि वे भी महाराष्ट्र की संस्कृति का खूब सम्मान करती हैं, लेकिन महाराष्ट्र से प्यार करने वालों को चापलूस कहना एक्ट्रेस को फिर विवादों में डाल सकता है.
उन्होंने संजय राउत जैसे नेताओं को महाराष्ट्र का ठेकेदार बता दिया और पूछा कि उन्होंने राज्य के सम्मान के लिए क्या किया है. ट्वीट में लिखा है- इनकी औक़ात नहीं है, इंडस्ट्री के सौ सालों में एक भी फ़िल्म मराठा प्राइड पे बनाई हो,मैंने इस्लाम डॉमिनेट इंडस्ट्री में अपनी जान और करीयर को दाओ पे लगाया, शिवाजी महाराज और रानी लक्ष्मीबाई पे फ़िल्म बनाई, आज महाराष्ट्र के इन ठेकेदारों से पूछो किया क्या है महाराष्ट्र के लिए ?
कंगना की तरफ से लगातार आ रहे ये ट्वीट सिर्फ विवाद को बढ़ाने वाले हैं. जो विवाद पीओके वाले बयान से शुरू हुआ था, अब वो महाराष्ट्र अस्मिता तक जा पहुंचा है. ऐसे में नेताओं की बयानबाजी भी और तेज होती दिखेगी.