पूर्वजों के पुण्योदय से मिलता है संतों का आशीर्वाद – काश्यप

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पुरूषोत्तम मास के दौरान दयाल वाटिका में महामण्डलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानन्द सरस्वतीजी के मुखारविंद से पुण्योत्सव के रूप में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। प्रथम दिन विधायक चेतन्य काश्यप ने भी कथा श्रवण की और आरती में भाग लिया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि पूर्वजों के पुण्योदय से ही संतों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। किसी भी नगर का भौतिक विकास हो, लेकिन आध्यात्मिक एवं धार्मिक विकास ना हो तो रहवासियों का भविष्य उज्जवल नहीं बनता।

श्री काश्यप ने कहा कि कथा आयोजक एवं श्री हरिहर सेवा समिति रतलाम के अध्यक्ष मोहनलाल भट्ट ने कोरोना महामारी के चलते सारे मापदण्डों का पालन करते हुए बहुत ही सुन्दर आयोजन किया है। कोरोना काल में नगर का यह पहला धार्मिक आयोजन है। वर्ष 2018 में स्वामीजी के मुखारविंद से पुरूषोत्तम मास के दौरान ही श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन का लाभ विधायक सभागृह में मिला था। पुरूषोत्तम मास में हर बार ऐसे आयोजन होते आए है, लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते यह कड़ी टूट सकती थी। कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते हुए श्री भट्ट द्वारा ऐसे आयोजन प्रशंसनीय है, क्योंकि संतों का सांनिध्य ही समाज को उन्नतशील बनाता है। ऐसे आयोजनों से समरसता का वातावरण बनता है।

श्री काश्यप ने कहा कि नवरात्रि के दौरान पूर्व में दुर्गा प्रतिमा की ऊॅचाई नियत की गई थी, किन्तु मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने अब ऊॅंचाई की सीमा समाप्त कर दी है। इससे भक्तों को जहॉं भी होंगे, वहां से माता के दर्शन हो सकेंगे। देश में मध्यप्रदेश पहला ऐसा प्रदेश है, जहां दुर्गा प्रतिमा की ऊॅंचाई की कोई सीमा नहीं होगी।

इस अवसर पर स्वामीजी ने भागवत कथा का रसपान करवाया। श्री काश्यप ने उनके दर्शन-वन्दन कर आशीर्वाद लिया। अंत में महाआरती की गई। संचालन कैलाश व्यास ने किया। इस दौरान अखण्ड ज्ञान आश्रम के सहसंचालक स्वामी देवस्वरूपानंदजी, समाजसेवी इन्द्रनारायण झालानी, नरेश झालानी सहित गणमान्यजन उपस्थित थे।