मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के पथ- विक्रेताओं के जीवन को आसान बनाना मेरी प्राथमिकता में है। छोटा-मोटा व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स की खुशहाली और उनके जीवन के आधार को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधि ऋण योजना का जिस गति से मध्यप्रदेश ने क्रियान्वयन सुनिश्चित किया, उससे मध्यप्रदेश देश में अव्वल स्थान पर है। इसी कड़ी में ग्रामीण क्षेत्र के पथ व्यवसायियों के जीवन को आसान बनाने के लिये मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता योजना प्रांरभ की गई, जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। योजना में ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-छोटे स्ट्रीट वेण्डर्स को भी 10-10 हजार रूपये का ब्याज रहित ऋण उनके कार्य के उन्नयन के लिए दिलवाया गया है। क्रेडिट गारंटी राज्य शासन ने दी है। साथ ही ऋण प्रक्रिया को स्टाम्प ड्यूटी से भी मुक्त रखा गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के करीब साढ़े पाँच लाख शहरी एवं ग्रामीण पथ विक्रेताओं को प्रति हितग्राही 10 हजार रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध करवाई गई है।
कठिन परिस्थितियों में मिला सहारा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पिछले 6 माह इस योजना को प्राथमिकता में लेते हुए गति दी गई। वर्ष 2020 में जहाँ कोरोना संकट के कारण पूरी अर्थ-व्यवस्था के लिए मुश्किल के दिन थे। ये छोटे व्यवसायियों की आर्थिक कठिनाइयों का दौर भी था। ऐसी परिस्थितियों में कार्यशील पूँजी मिल जाने से जरूरतमंद पथ विक्रताओं को महत्वपूर्ण सहारा मिला। तब मध्यप्रदेश में करीब पाँच लाख पहचान-पत्र तैयार किए गए। ये काफी महत्वपूर्ण कार्य था। प्रदेश में अभियान संचालित कर छोटे कारोबारियों की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित की जा रही है। कलेक्टर्स को अपने जिले में पथ-विक्रताओं को पोर्टल के माध्यम से रजिस्टर्ड करने के लिए कहा गया है। छूटे पथ- विक्रताओं का मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल पर पंजीयन करवाकर उनके ऋण बैंकों को प्रेषित करने के निर्देश है। साथ ही बैंकों से समन्वय कर प्रकरणों की स्वीकृति भी सुनिश्चित की जा रही हैं।
नगरीय निकायों को सक्रिय भूमिका के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना को गति देने के लिए सभी नगरीय निकायों को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा है। कलेक्टर्स को भी जिला स्तर पर ऐसे हितग्राहियों से सम्पर्क कर उनके प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। बैंक स्तर पर आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिये बैंकर्स से भी लगातार राज्य सरकार सम्पर्क कर रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन में केन्द्र से भी लगातार सहयोग मिल रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र में भी लाभान्वित हो रहे हितग्राही
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रति माह कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस में इस योजना की समीक्षा की जा रही है। जिला अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रहे। प्रत्येक जिले में हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए अभियान संचालित कर परिणाम देने के निर्देश दिए गए हैं। बीते माह करीब 13 लाख आवेदन-पत्र मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता ऋण योजना में प्राप्त हो चुके हैं। पोर्टल सक्रिय किये जाने से यह संख्या निरंतर बढ़ रही है। लगभग 2 लाख प्रकरण बैंकों को भेजे जा चुके हैं। इनमें से एक लाख प्रकरण मंजूर हो गये हैं और हितग्राहियों को अपने व्यवसाय के उन्नयन के लिए राशि प्राप्त हो चुकी हैं। गत 23 मार्च को राज्य सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में 60 हजार ग्रामीण पथ विक्रेताओं को 60 करोड़ रूपये की ऋण राशि उनके खातों में अंतरित की गई।
शहरों में सबसे आगे जनजातीय बहुल क्षेत्र
मध्यप्रदेश में पीएम स्वनिधि योजना की समीक्षा में अलीराजपुर 75 प्रतिशत, नैनपुर 70 और अमरवाड़ा नगर पालिका 67 प्रतिशत उपलब्धि के साथ प्रथम तीन शीर्ष नगरीय निकायों में शामिल हैं। अन्य तीन नगर परिषद जो इस योजना के क्रियान्वयन में आगे हैं उनमें सांवेर (जिला इंदौर) 87 प्रतिशत, माचलपुर (जिला राजगढ़) 84 प्रतिशत और निवाड़ी 80 प्रतिशत शामिल हैं।