मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में समूह जल प्रदाय योजनाओं के माध्यम से हर घर में नल से स्वच्छ और समुचित मात्रा में जल उपलब्ध कराया जाये। इस काम में आने वाली बाधाओं का तत्काल निराकरण किया जाए। क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों के कारण कहीं भी जल आपूर्ति बाधित और प्रभावित न होने पाये। अन्य विभागों के ठेकेदारों द्वारा काम करने के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली पाइप लाइनों की तुरंत मरम्मत कराई जाए। पाइपलाइन क्षतिग्रस्त न हों, इसके लिए ठेकेदार परस्पर समन्वय से कार्य करें। पाइन लाइनों की शीघ्र मरम्मत के लिए रिवॉल्विंग फंड बनाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मध्यप्रदेश जल निगम की संचालक मंडल की 24वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। मंत्रालय में हुई बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव श्री राजेश राजौरा, श्री मलय श्रीवास्तव, श्री मोहम्मद सुलेमान उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल आपूर्ति की स्थायी व्यवस्था के उद्देश्य से निजी जल स्त्रोतों के उपयोग की संभावनाओं का परीक्षण किया जाए। योजना के क्रियान्वयन में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करें। विशेष रूप से साफ-सफाई सुनिश्चित करने में स्थानीय लोगों को सहभागी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जल आपूर्ति संबंधी कार्यों में समय-सीमा और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। बैठक में वार्षिक लेखा सहित प्रबंधन संबंधी विभिन्न विषय विचारार्थ प्रस्तुत किए गए। बैठक में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय शुक्ला तथा प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष सिंह भी विशेष रूप से उपस्थित थे।