भारतीय जनता पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी एक बार फिर विरोधियों के निशानें पर हैं। इस बार उनके, ‘कांग्रेस संकट से बचने के लिए सेक्युलरिज्म का बुर्का पहन लेती है’, वाले बयान को लेकर बवाल मचा है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से लेकर जेदयू नेताओं तक ने मोदी के इस बयान का देश विरोधी बताया है।
मोदी ने सांप्रदायिकता के सवाल पर क…

भारतीय जनता पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी एक बार फिर विरोधियों के निशानें पर हैं। इस बार उनके, ‘कांग्रेस संकट से बचने के लिए सेक्युलरिज्म का बुर्का पहन लेती है’, वाले बयान को लेकर बवाल मचा है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से लेकर जेदयू नेताओं तक ने मोदी के इस बयान का देश विरोधी बताया है।
मोदी ने सांप्रदायिकता के सवाल पर कांग्रेस पर निसाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस संकट के समय सेक्युलरिज्म का बुर्का ओढ़ लेती है, लेकिन अब कांग्रेस को जवाब देना होगा। इस दौरान मोदी ने महंगाई से लेकर कांग्रेस पार्टी के मंत्रियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर इस्तीफा देने पर भी कड़ा प्रहार किया। मोदी के इस बयान से कांग्रेस के नेता खासे नाराज हैं। कोई मोदी की धर्मनिरपेक्षता के पैमाने पर सवाल उठा रहा है, तो कोई बयान को घटिया राजनीतिक बयान बता रहा है।
नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस के नेता तो नाराज हैं ही जेडीयू भी मोदी के बयान को घटिया बता रही है। कांग्रेस और विरोधियों की नजर में मोदी और उनकी पार्टी फंडामेंडलिस्ट है, तो मोदी की नज़र में कांग्रेस का सेक्युलरिज्म महज एक दिखावा है। खुद को हिंदू राष्ट्रवादी कहे जाने पर कांग्रेस ने मोदी को आड़े हाथों लिया था, लेकिन जब मोदी को मंच और मौका मिला तो उन्होंने कांग्रेस की जमकर खिंचाई की।
नरेन्द्र मोदी के बुर्के वाले बयान पर कांग्रेस में बवाल मचा हुआ है। हाईटेक मोदी को ट्विटर पर घेरा जा रहा है। ट्विटर पर मोदी पर वार करनेवालों में कांग्रेसी नेता शशि थरूर भी पीछे नहीं हैं। शशि थरूर ने लिखा है, ‘मोदी कहते हैं कि हम धर्मनिरपेक्षता का बुर्का ओढ़ लेते हैं। ये खाकी हाफ पैंट की असहनशीलता और नफरत से तो बेहतर है, जिसे मोदी छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।’
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी मोदी को महाठग कहते हुए कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि मोदी की नजर में आखिर सेक्युलरिज्म क्या है? मोदी की मोदी धर्मनिरपेक्षता के बारे में क्या कहते हैं? हम पहले वो सुनना चाहेंगे, क्योंकि जो परिभाषा आडवाणी की है और जो बीजेपी-संघ की रही है वो अलग है वो एक धर्म, एक संस्कृति और एक राष्ट्र को मानते हैं।’
नरेन्द्र मोदी के बयान पर कांग्रेसी नेता शकील अहमद ने भी निशाना साधा है। शकील अहमद ने ट्वीट किया है कि साम्प्रदायिकता के नंगेपन से धर्मनिरपेक्षता का बुर्का बहुत अच्छा है। साम्प्रदायिकता तो देश तोड़ती है।
उधर केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा, ‘अगर आपकी गाड़ी के नीचे कुत्ते का पिल्ला आता है, तो आपके पास दो विकल्प हैं। उसे बचाकर निकलें या उसे कुचल दें। आप ऐसे शख्स को क्या कहेंगे, जो दूसरे विकल्प पर अमल करता है।’
वहीं राजीव शुक्ला ने मोदी के बयान पर कहा, ‘अगर मोदी को सेक्युलरिज्म शब्द पर आपत्ति है तो फिर उन्हें संविधान पर भी आपत्ति होगी। संविधान में सेक्युलरिज्म शब्द दिया गया है। सभी ने इसे स्वीकार किया है। अगर वह संविधान में दिए गए शब्दों का मजाक बनाते हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें संविधान में यकीन नहीं है।’
इधर बीजेपी ने भी अब कांग्रेस के वारों और सवालों पर पलटवार करना शुरू कर दिया है। ऐसा लगता है कि बुर्के पर हुआ बवाल अभी थमने वाला नहीं है।