आईएएस दुर्गा शक्ति के निलंबन मामले में समाजवादी पार्टी के अध्य़क्ष मुलायम सिंह यादव अब खुलकर अखिलेश के समर्थन में उतर आए हैं। मुलायम सिंह ने दुर्गा मामले पर अखिलेश के फैसले के सही करार दिया है।
सूत्रों की मानें तो दुर्गा के निलंबन पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की चिट्ठी के बाद मुलायम थोड़े नाराज चल रहे हैं। शायद मुलायम को यह पसंद नहीं आया सोनिया ने…
आईएएस दुर्गा शक्ति के निलंबन मामले में समाजवादी पार्टी के अध्य़क्ष मुलायम सिंह यादव अब खुलकर अखिलेश के समर्थन में उतर आए हैं। मुलायम सिंह ने दुर्गा मामले पर अखिलेश के फैसले के सही करार दिया है।
सूत्रों की मानें तो दुर्गा के निलंबन पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की चिट्ठी के बाद मुलायम थोड़े नाराज चल रहे हैं। शायद मुलायम को यह पसंद नहीं आया सोनिया ने उनके बेटे और प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कदम उठाया। इसलिए अब मुलायम भी दुर्गा के सस्पेंशन के मामले में सख्त हो गए हैं। जब मुलायम से पूछा गया कि दुर्गा शक्ति का निलंबन का फैसला वापिस लिया जाएगा, तो उन्होंने, ‘बिल्कुल नहीं।’ हालांकि पहले मुलायम इस मुद्दे पर कुछ कहने को तैयार ही नहीं थे।
उधर आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के मामले में तब एक नया मोड़ आया है, जब एलआईओ की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई। एलआईओ की रिपोर्ट में दुर्गा शक्ति नागपाल का नाम नहीं है, इसमें जेवर के एसडीएम का नाम है। इससे साफ हो जाता है कि यूपी सरकार जबरन पता नहीं किस ‘जुर्म की सजा’ दुर्गा नागपाल को देने पर अमादा है।
इधर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि दुर्गा शक्ति के मामले में सभी नियमों का पालन किया जाएगा, उन्हें इंसाफ मिलेगा।
वैसे दुर्गा शक्ति नागपाल का मुद्दा हर नए दिन के साथ और बड़े विवाद की शक्ल अख्तियार कर रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने सनसनीखेज बयान दिया है कि केंद्र सरकार आईएएस अफसरों को यूपी से हटा ले। वहीं पीएम ने भरोसा दिया है कि कि दुर्गा के मामले में नियमों का पालन होगा।
हालांकि पहले अखिलेश सरकार ने कहा कि दुर्गा शक्ति के निलंबन में सभी नियमों का पालन किया गया है। लेकिन एलआईओ की रिपोर्ट से अखिलेश की बात झूठ साबित हो गई है। अब देखते हैं कि यह केस कहां जाता है। लगता है कि अखिलेश यादव की परेशानी अब पूरी तरह से सियासी है। दुर्गा शक्ति पर कार्रवाई से पीछे हटकर वो अपने उस फायदे को गंवाना नहीं चाहते, जिसकी उम्मीद में एक आईएएस को निलंबित किया गया। हालांकि मुख्यमंत्री को देखना ये भी होगा कि उस फैसले पर अड़े रहने से कितना फायदा जिसे हर कोई गलत ही बताने में जुटा हो।