पुंछ में पाकिस्तानी सेना के हमले में भारतीय जवानों की शहादत से देश गुस्से में उबल रहा है तो शहीदों के घरों में मातम पसरा है। शहीदों में शामिल हैं बिहार रेजिमेंट के 21वीं बटालियन के जवान, दानापुर के विजय कुमार राय, आरा के शंभु शरण और छपरा के प्रेमनाथ सिंह के घर का माहौल एक सा है।
शहादत की खबर मिलते ही परिवार के लोगों को जबरदस्त सदमा लगा है। पटना के प…
पुंछ में पाकिस्तानी सेना के हमले में भारतीय जवानों की शहादत से देश गुस्से में उबल रहा है तो शहीदों के घरों में मातम पसरा है। शहीदों में शामिल हैं बिहार रेजिमेंट के 21वीं बटालियन के जवान, दानापुर के विजय कुमार राय, आरा के शंभु शरण और छपरा के प्रेमनाथ सिंह के घर का माहौल एक सा है।
शहादत की खबर मिलते ही परिवार के लोगों को जबरदस्त सदमा लगा है। पटना के पास दानापुर में शहीद विजय कुमार राय के घर सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। आसपास के लोग उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनके दर्द को कम करना आसान नहीं।
यही हाल है आरा के शंभू शरण के घर का, शंभु के शहीद होने की खबर आते ही उनके घर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। बुजुर्ग पिता का रो रो कर बुरा हाल है तो मातम छपरा में भी है। पूरा शहर अपने सपूत प्रेमनाथ सिंह की शहादत पर आंसू बहा रहा है। शहीद प्रेमनाथ दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुए हैं।
आरा के अनाइठ कॉलोनी में रहने वाला शंभू शरण का परिवार बेहाल है। इस परिवार ने अपना बेटा खोया है, शंभू शरण पुंछ में दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुए। राज्य सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ शहीदों का अंतिम संस्कार करने की घोषणा की है लेकिन सवाल बरकरार है कि कब हत्यारे पाक को मिलेगा जवाब।
लेकिन सवाल तो ये है कि क्या सरकार सुनेगी क्योंकि सियासत के अलावा हमारी सरकार बहुत कम सुनती है। अगर हमारे हुक्मरानों को सरहद की रक्षा कर रहे जवानों का चिंता होती तो वे पाक को करारा जवाब जरूर देते।
लेकिन घटना के वक्त सिय़ासी बयानबाजी और शहीदों को श्रद्दांजलि दे कर उनकी जिम्मेदारी पूरी हो जाती है।सरहद की रक्षा करने गए हमारे जवान ताबूत में लौटते हैं। पीड़ित परिवार को ना भरने वाला गम मिलता है लेकिन पाकिस्तान को कभी नहीं मिलता करारा जवाब।