भाजपा भले नरेंद्र मोदी पर सीबीआई का चाबुक चलने के आशंका से ग्रसित हो, लेकिन एजेंसी ने फिलहाल उन पर हाथ नहीं डालने का फैसला किया है।

हालांकि इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले की जांच कर रही सीबीआई मोदी के खासमखास अमित शाह को घेरने का खाका जरूर तैयार कर चुकी है।

सीबीआई इशरत मामले की अतिरिक्त चार्जशीट में शाह सहित गुजरात के राजनीतिक नेतृत्व के दो लोगों और आईबी के दो अधिकारियों का नाम संलग्न करने जा रही है।

सीबीआई के शीर्षस्थ सूत्रों के मुताबिक बीते शनिवार को अमित शाह से सीबीआई के अहमदाबाद केंद्र में इसी सिलसिले में लंबी पूछताछ हुई।

सीबीआई के शीर्षस्थ सूत्र के मुताबिक मोदी का नाम सीधे तौर पर कहीं इस फर्जी एनकाउंटर से नहीं जुड़ रहा है। अब तक की जांच में मोदी को घेरने के लिए उनके खिलाफ सीधे तौर पर कोई आधार जांच एजेंसी को नहीं मिला है।

लेकिन एनकाउंटर के दौरान गुजरात के गृह राज्यमंत्री अमित शाह फंसते हुए दिख रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक नवंबर 2011 में शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की पहल पर मुठभेड़ की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को प्रभावित करने की बड़ी गंभीर कोशिश की गई।

इस सिलसिले में राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री प्रफुल्ल पटेल से सीबीआई ने दो बार पूछताछ की है। एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक पटेल ने सीबीआई के सामने औपचारिक तौर पर स्वीकार है कि राजनीतिक नेतृत्व से उन्हें एसआईटी में दखल देने को कहा गया था।

हालांकि अदालत के दबाव में नेताओं का यह खेल चल नहीं सका और एसआईटी ने अदालत को दी रिपोर्ट में कहा कि इशरत जहां मुठभेड़ फर्जी थी। एसआईटी की इसी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने यह मुकदमा दर्ज किया।

सूत्रों ने बताया कि अब तक की जांच तो काफी पुख्ता है। गुजरात पुलिस के आईपीएस अधिकारी और इस मामले के मुख्य आरोपी डी जी बंजारा ने अपनी इस्तीफे की चिट्ठी में गुजरात के राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ साफ संकेत दिए।

लेकिन वह भी अमित शाह तक ही आ कर रुक गया। चिट्ठी को लेकर एजेंसी साबरमती जेल में बंद बंजारा से दो बार पूछताछ कर चुकी है।

इस फर्जी एनकाउंटर की योजना में आईबी के पूर्व अधिकारी राजेंद्र कुमार और एक अन्य पूर्व अधिकारी की कथित भागीदारी के चलते उनका चार्जशीट में नाम डाले जाने का फैसला लिया जा चुका है।

By parshv