यकीन नहीं आ रहा है कि ऐसा भी हो सकता है, लेकिन यह सच है कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका दिवालिया होने के कगार पर खड़ा है. मंगलवार को वहां रिपब्लकिन पार्टी और राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच बातचीत बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई. इससे देश में जबर्दस्त आर्थिक संकट का खतरा पैदा हो गया है.

मंगलवार रात को दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे और उन्होंने किसी तरह का समझौता नहीं किया. इससे सरकार के हाथ बंध गए हैं और वह न तो बिल चुका पा रही है और ना ही देनदारों को पैसे दे पा रही है.

सरकार अपने खजाने से अब किसी तरह का कोई खर्च नहीं कर पा रही है. यहां तक कि कर्मचारियों को वेतन मिलना भी बंद हो चुका है. अमेरिकी सरकार को करीब दो अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है.

इस अनिश्चितता के कारण अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने आगाह किया है कि वह अमेरिका की रेटिंग गिरा देगा. अभी अमेरिका को एएए की रेटिंग मिली हुई है. अगर यह रेटिंग गिर जाती है तो अमेरिका की साख को बड़ा धक्का लग सकता है.

रिपब्लकिन पार्टी के नेताओं ने दो प्लान बनाए थे लेकिन दोनों ही नामंजूर हो चुके हैं. अब किसी को भी समझ में नहीं आ रहा है कि इस समस्या का क्या समाधान हो.

By parshv