नई दिल्ली। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल का विरोध किया है। इस बाबत उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखकर इस पर व्यापक विचार-विमर्श का अनुरोध किया है।
मोदी ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में कहा है कि सांप्रदायिक हिंसा बिल को गलत इरादे से तैयार किया गया है। इसके मसौदे में बहुत-सी खामियां हैं। उन्होंने कहा कि इसके पीछे वोट बैंक की राजनीति और राजनीतिक विचारधारा काम कर रही है। मोदी ने बिल को लाने के समय पर भी संदेह व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस बिल को लाना संघीय ढांचे का स्पष्ट उल्लंघन है। ऐसे कानून बनाना राज्यों की सूची में शामिल है। उन्होंने कहा कि जो कानून राज्यों में लागू होगा, उसे राज्य द्वारा नहीं बनाया जाना चाहिए? मोदी ने कहा कि इस बिल को संसद में लाने से पहले तमाम राज्य सरकारों, राजनीतिक पार्टियों, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से व्यापक विचार-विमर्श किया जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा बिल को लागू करने से समाज के टुकड़े होंगे और हिंसा बढ़ेगी।
उधर, केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने मोदी पर बिल को लेकर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और इस बिल को सरकार सत्र में लाना चाहती है।