देश के राजनीतिक दल तो अभी विधानसभा चुनाव के नतीजों पर ही माथापच्‍ची कर रहे हैं, पर इस बीच चुनाव आयोग ने 2014 के आम चुनाव की तैयारियों की शुरुआत कर दी है.

चुनाव आयोग के सामने पहला काम है मतदाता सूची दुरुस्त करना. इसके बाद चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी. आयोग ने सभी राज्यों के चुनाव अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर तैयारियों के बारे में ताकीद कर दी है.

चुनाव आयोग ने 2014 में 16वीं लोकसभा के चुनाव के लिए सभी राज्यों के चुनाव अधिकारियों को तैयारियों में जुट जाने को कहा है. इस बाबत चुनाव आयोग ने चिट्ठी लिखकर राज्यों के चुनाव अधिकारियों को मतदाता सूची को दुरुस्त करने का आदेश दिया है. आयोग की चिट्ठी के मुताबिक:

—सभी योग्य मतदाताओं के नाम सूची में होने चाहिए.

—अयोग्य मतदाताओं के नाम हर हाल में काट दिए जाएं.

—मतदाताओं के नाम दो जगह ना हों.

—मतदाता पहचान पत्र में नाम, उपनाम, पिता का नाम, पता, आयु, लिंग, फोटो आदि की खामियों को फौरन दुरुस्त किया जाय.

—मतदान के लिए बूथ तक पहुंचने में मतदाता को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो, इसके इंतजाम किए जाएं.

—इस काम के लिए जिला मतदान अधिकारी और बूथ लेवल ऑफिसर को जमीनी काम में लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

इस चिट्ठी के अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने वाशिंगटन में भी कहा कि 1 जून 2014 से पहले नई लोकसभा का गठन हो जाएगा, क्योंकि 31 मई को 15वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तैयार रोडमैप को अंतिम स्वरूप देने का काम चल रहा है.

वीएस संप‍त के मुताबिक, लोकसभा के चुनाव 5 से 7 चरणों में कराए जा सकते हैं. मतदान के पहले चरण से तीन हफ्ते पहले अधिसूचना जारी हो जाएगी. इसके बाद चरणवार अधिसूचनाएं जारी होती रहेंगी. अधिसूचना जारी होने से तीन से चार हफ्ते पहले चुनावी कार्यक्रम का ऐलान कर दिया जाएगा. चुनावों के ऐलान के साथ ही आदर्श चुनावी आचार संहिता भी लागू हो जाएगी.

लेकिन इस पूरी कवायद का सबसे अहम चरण है मतदाता सूची में सुधार करना और यह तय करना कि कोई खामी ना रह जाए. कोई मतदाता बूथ तक आए, अपना पहचान पत्र दिखाए और चुनाव अधिकारी उससे कहे कि आपका नाम इस सूची में तो है ही नहीं, ऐसे हालात न हों.

इसमें चुनाव आयोग, इसके अधिकारी और कर्मचारियों से भी ज्यादा जरूरी है खुद मतदाता की जागरुकता. यानी अपने नजदीकी एसडीएम या चुनाव कार्यालय से मतदाता सूची में अपने नाम की तस्‍दीक कर लेनी चाहिए, तभी लोकतंत्र के सबसे बड़े ‘जलसे’ में हर किसी की हिस्सेदारी हो सकेगी.

By parshv