वाशिंगटन। अमेरिकी लेखिका वेंडी डोनिगर ने अपनी किताब ‘द हिंदू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ पर उठे विवाद को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दरअसल, एक संगठन ने वर्ष 2009 में प्रकाशित इस किताब को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए अदालत में इसके खिलाफ याचिका दायर की थी। प्रकाशक पेंग्विन इंडिया बुक्स प्राइवेट लिमिटेड ने भारतीय अदालत के समर्थन से हुए समझौते के बाद किताब की शेष सभी प्रतियों को वापस लेकर नष्ट करने का फैसला किया है।
डोनिगर ने कहा, हां, यह सब देखकर मैं गुस्से में और निराश थी। यह वर्तमान में भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और तेजी से बिगड़ते राजनीतिक माहौल का नमूना है। पेंग्विन ने दिल्ली की एक अदालत को सूचित किया कि उसका याचिकाकर्ता के साथ समझौता हो गया है। इस महीने की शुरुआत में हुए समझौते के अनुसार वह भारत से किताब की शेष प्रतियों को वापस लेने के साथ ही उसे नष्ट कर देगा।
लेखिका ने कहा, मैं खुश हूं कि इंटरनेट के दौर में किसी किताब को दबा देना संभव नहीं है। अगर किताब को प्रकाशित करने का कानूनी रास्ता असफल हो जाए तो इंटरनेट पर किताब को उपलब्ध कराने के कई तरीके हैं। भारत में लोग कुछ हिंदुओं को नाराज करने वाली किताब समेत सभी प्रकार की किताबों को इंटरनेट पर पढ़ सकते हैं। उनका इरादा इस मुद्दे पर एक विस्तृत लेख लिखने का है। डोनिगर वर्तमान में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में हिस्ट्री ऑफ रिलीजंस की प्रोफेसर हैं।
उन्होंने कहा कि किताब को वापस लेने के फैसले के लिए वह पेंग्विन को दोषी नहीं ठहरा रही हैं। यह किताब हिंदुओं की नाराजगी का कारण बन सकती है यह जानने के बाद भी पेंग्विन इंडिया ने इसे प्रकाशित किया और चार साल तक अदालतों में इसका बचाव किया, लेकिन अंत में इसके मूल खलनायक-भारतीय कानून से हार गए, जिसके तहत किसी हिंदू को नाराज करने वाली किताब को प्रकाशित करना अपराध माना जाता है।